मेरठ |
सूबे के मुखिया योगी आदित्यानाथ बीजेपी के अजेंडे के तहत मंगलवार को दलितों के दिल में कमल खिला गए। उन्होंने मलिन बस्ती शेरगढ़ी में इत्मीनान से दलितों का दर्द जाना और दवा देने का भरोसा दिया। किसी को पेंशन तो किसी को राशन की दरकार की। विधवा ने अपने विकंलाग बेटों के नौकरी चाह रखी तो बेरोजगारों ने हाथ में काम दिलाने की गुहार की। दलितों में योगी के आने से बदलाव की आस जगी है, उनका कहना है कि मायावती ने सीएम बनने के बाद इस बस्ती में आने का प्रोग्राम दिया जरूर था लेकिन आई नहीं, आए योगी।
कभी बीएसपी का गढ़ था शेरगढ़ी
सीएम योगी अफसरों को पहले ही बता दिया था कि वह किसी भी दिन मलिन बस्ती का दौरा करने जा सकते हैं। मलिन बस्ती भी ऐसी हो जहां दलित रहते हैं। दरअसल, बीजेपी 2019 के चुनाव के लिए लगातार दलितों पर फोकस कर रही है। पार्टी दलित बस्तियों में अपने सांसदों और विधायकों को जाकर रुकने, उनके बात करने और समस्याओं का समाधान करने की हिदायत दे रही हैं। इसके लिए दलित सांसदों और विधायकों को एक दूसरे के क्षेत्र में दलितों को जोड़ने का जिम्मा सौंपा हैं। विधानसभा चुनाव में भी बीजेपी ने धम्म चेतना यात्रा सूबे में निकाली थी। माना जा रहा है कि योगी के लिए मेरठ की सबसे बड़ी दलित बस्ती और कभी बीएसपी का गढ़ कहे जाने वाली शेरगढ़ी को इसीलिए चुना गया। जब मायावती सीएम थी तब उनके भी यहां आने का प्रोग्राम तय हुआ था, लेकिन तैयारी के बाद वह नहीं आ सकी थी।