*हरसिमरत कौर बादल ने कांग्रेस के मेनिफेस्टो को झूठ का पुलिंदा और रद्दी का कागज बताया*
*अमृतसर* अकाली नेता और केंद्रीय मंत्री हरसिमरत कौर बादल ने अपने फेसबुक पेज पर एक वीडियो जारी करके कांग्रेस के मेनिफेस्टो को रद्दी का कागज बताया और कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी पहले पंजाब की जनता से 2016 में कैप्टन अमरिंदर सिंह की सरकार की और से पंजाब विधानसभा चुनाव से पहले जारी किए गए मेनिफेस्टो के वादे तो पूरे करवा लें और उसके बाद पूरे देश की जनता से इस तरह के वायदे करें।
हरसिमरत कौर बादल ने कहा कि कैप्टन अमरिंदर सिंह और राहुल गांधी ने पंजाब कांग्रेस के मेनिफेस्टो में किसानों के कर्जा माफी, युवाओं को नौकरियों से लेकर वृद्ध पेंशन और लड़कियों को दिए जाने वाली शगुन स्कीम के पैसे को दोगुना करने जैसे कई लोक लुभावने वायदे किए लेकिन सत्ता में आने के बाद कैप्टन अमरिंदर सिंह इन वायदों को पूरी तरह से भूल चुके हैं और राहुल गांधी पहले कैप्टन अमरिंदर सिंह से पंजाब की जनता से किए गए वायदों को पूरा करने के लिए कहें उसके बाद ही देश की जनता से इस तरह का कोई वायदा करें।
हरसिमरत कौर बादल ने देश की जनता से इस वीडियो के माध्यम से अपील की कि वो कांग्रेस की बातों में ना आएं और ये देखें कि जहां-जहां कांग्रेस की राज्य सरकारें हैं वहां पर मेनिफेस्टो में किए गए वायदों को कांग्रेस ने पूरा किया है या नहीं और उसके बाद ही कांग्रेस के मेनिफेस्टो पर भरोसा करें।
आपको बता दें कि भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने लोकसभा चुनाव के लिए मंगलवार को घोषणा पत्र जारी कर दिया है। लोकसभा चुनाव 2019 के लिए घोषणा पत्र में सेना का आधुनिकीकरण, राइट टू फ्री हेल्थकेयर, प्रदूषण के मुद्दे पर भी कांग्रेस ने वादा किया है कि वह इस पर काम करेगी। कांग्रेस के घोषणा पत्र का शीर्षक है- Congress Will Deliver. यानी हम निभाएंगे। कांग्रेस के घोषणापत्र ‘हम निभाएंगे’ में कहा गया है कि अगर पार्टी सत्ता में आती है तो देशद्रोह के अपराध को परिभाषित करने वाली भारतीय दंड संहिता की धारा 124ए को खत्म किया जाएगा। घोषणापत्र में लिखा गया है कि इस धारा का बहुत दुरुपयोग किया गया है।
कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी ने ऐलान किया कि हम किसानों के लिए अलग से बजट लाएंगे, जैसे रेल के लिए अलग बजट होता था, वैसे ही किसानों के लिए भी अलग से बजट होगा, ताकि उन्हें पता चल सके कि उनके लिए कितना खर्च हो रहा है। राहुल ने कहा कि अगर किसान कर्ज ना चुका पाता है तो वह आपराधिक मुकदमा नहीं बल्कि सिविल मुकदमा के तहत आएगा।