*उमर के बयान पर पीएम मोदी का हमला- कहा मेरे रहते नहीं बन सकते दो प्रधानमंत्री*
जम्मू कश्मीर में चुनाव प्रचार के दौरान नेशनल कॉन्फ्रेंस के नेता उमर अब्दुल्ला के आपत्ति जनक बयान पर मोदी ने कहा है कि भारत में एक प्रधानमंत्री है और एक ही प्रधानमंत्री रहेगा। उनके रहते हुए भारत में दो प्रधानमंत्री बनाने की साजिश कामयाब नहीं होगी। प्रधानमंत्री मोदी ने उमर अब्दुल्ला के बयान पर ममता, राहुल और चंद्रबाबू नायडू समेत गठबंधन के नेताओं से स्पष्टीकरण देने को कहा है। मोदी ने कहा कि महागठबंधन के नेता जवाब दें कि क्या वो उमर अब्दुला के बयान का समर्थन करते हैं।
पीएम ने सभा में कहा, ‘कांग्रेस के एक बड़े सहयोगी दल और महागठबंधन के सबसे बड़े साथी नैशनल कॉन्फ्रेंस ने बयान दिया है कि कश्मीर में अलग प्रधानमंत्री होना चाहिए। आप मुझे बताइए कांग्रेस की साथी पार्टी की मांग आपको या हिंदुस्तान में किसी को मंजूर है।’पीएम ने भाषण में आगे कहा,’वो कहते हैं कि हम घड़ी की सुई पीछे ले जाएंगे और 1953 के पहले की स्थिति पैदा करेंगे और हिंदुस्तान में दो पीएम होंगे। कश्मीर का पीएम अलग होगा।
जवाब कांग्रेस को और महागठबंधन के सभी पार्टनरों को देना होगा कि क्या कारण है कि उनका साथी दल इस तरह की बात बोलने की हिम्मत कर रहा है। कुछ दिन पहले उनके एक उम्मीदवार ने भारत को गाली देने की कोशिश की थी, लेकिन कांग्रेस और नैशनल कॉन्फ्रेंस इसपर चुप बैठे हैं। इन लोगों को मैं कहना चाहता हूं कि कान खोलकर सुन लीजिए। जब तक मोदी है आपकी साजिशों को कामयाब नहीं होने देगा’ उमर अब्दुल्ला ने बांदीपोरा में दिया था विवादित बयान
बता दें कि पीएम नरेंद्र मोदी का बयान उमर अब्दुल्ला ने उस भाषण के बाद आया है, जिसमें उन्होंने कहा था कि हम जम्मू-कश्मीर में दोबारा अलग वजीर-ए-आजम और सदर-ए-रियासत की व्यवस्था को बहाल कराएंगे। बांदीपोरा में सोमवार को ही उमर ने कहा था कि जम्मू-कश्मीर भारत का हिस्सा शर्त के साथ बना था और हम राज्य में वह व्यवस्था पुन: वापस लाएंगे जिसके तहत प्रदेश का अपना वजीर-ए-आजम और सदर-ए-रियासत हुआ करता था।
पीएम मोदी द्वारा उमर के बयान पर सवाल खड़े करने के बाद उमर अब्दुल्ला ने खुद अपने बयान से कांग्रेस और महागठबंधन को अलग करने की कोशिश की। अपने एक ट्वीट में उमर ने लिखा,’मेरे कांग्रेस और अन्य दलों के मित्र मेरे बयान से खुद को अलग करने में संकोच ना करें। मेरी पार्टी ने हमेशा से जम्मू-कश्मीर के विलय के उन सभी नियमों की बहाली की बात कही है जिनपर महाराजा हरि सिंह ने 1947 में जम्मू-कश्मीर के विलय के लिए समझौता किया था। मैं पीएम मोदी द्वारा मेरे भाषण पर दिए गए ध्यान के लिए कृतार्थ हूं और मैं बीजेपी की सोशल मीडिया सेल का धन्यवाद करता हूं जिसने मेरी स्पीच को हाइलाइट किया और इसे तमाम पत्रकारों को भी वॉट्सऐप पर भेजा। उनकी पहुंच मुझसे कहीं ज्यादा है।’