भोपाल ।
मरीजों को सस्ती व गुणवत्ता वाली दवाएं देने के लिए केंद्र सरकार बड़ी राहत देने जा रही है। 10 गुना (1 हजार फीसदी) तक महंगे दामों पर दवाओं को बेचने वाली कंपनियों पर लगाम कसने के लिए नेशनल फार्मास्यूटिकल पॉलिसी 2017 का मसौदा तैयार हो गया है। हालांकि इसके बाद भी कंपनियां अधिकतम 35 से 40 फीसदी (1 गुना से भी कम) मुनाफा मरीजों से वसूल सकेंगी।
नेशनल फार्मास्यूटिकल प्राइजिंग अथारिटी (एनपीपीए) ने नीति को अंतिम रूप दे दिया है। राजधानी में ‘इंटरनेशनल कॉनक्लेव ऑन बेस्ट प्रैक्टिसेस इन ड्रग रेगुलेशन’ पर आयोजित वर्कशॉप में भाग लेने आए एनपीपीए के चेयरमैन भूपेन्द्र सिंह ने नवदुनिया से बातचीत में इसकी पुष्टि की है।
उन्होंने बताया मरीजों को सस्ती, सुलभ गुणवत्तापूर्ण दवाएं मिल सके, इसलिए फार्मास्यूटिकल पॉलिसी में कई प्रावधान किए जा रहे हैं। हालांकि, सुझावों के बाद कुछ बदलाव भी हो सकता है। उन्होंने बताया सभी दवाओं के ट्रेड मार्जिन (बिक्री में मुनाफा) तय किए जाएंगे। बता दें कि अभी कई दवाओं का खुदरा मूल्य (एमआरपी) 10 से 15 गुना तक ज्यादा रहता है।