इंदौर।
आधार से अपराधियों की पहचान करने की योजना पुलिस विभाग के बजट में उलझ गई है। एक साल पहले परदेशीपुरा और विजय नगर थाने में तीन महीने तक इसका प्रयोग भी हुआ, लेकिन इसके बाद मामला ठंडे बस्ते में चला गया।
शहर में आधार कार्ड बनाने वाली एजेंसी ओसवाल कम्प्यूटर्स ने परदेशीपुरा और विजय नगर थाने में एक साल पहले फिंगर प्रिंट स्कैनर का सेटअप लगाया था। यह तीन माह तक चला। इससे 2 हजार लोगों की आधार पहचान प्रमाणीकरण किया गया।
इसके बाद इंदौर शहर के सभी थानों में इसे लागू करने के लिए हर थाने के हिसाब से प्रतिमाह 500 रुपए खर्च करना था। इसके लिए थानों को कम्प्यूटर, फिंगर प्रिंट स्कैनर व आधार का सॉफ्टवेयर उपलब्ध कराना था, जिससे थाने के कर्मचारी खुद ही किसी भी व्यक्ति की पहचान उसके फिंगरप्रिंट से कर सकते थे।