मुंबई |
सिक्किम सेक्टर में पिछले करीब एक महीने से भारत और चीन के बीच सैन्य टकराव के बीच मुंबई में प्रिसिंपलों के एक समूह ने अपने छात्रों से चीन में बनी पढ़ाई-लिखाई से जुड़ी चीजों का बहिष्कार करने को कहा है। अपने तहत मुंबई के 1500 से ज्यादा स्कूलों के आने का दावा करने वाले ‘द मुंबई स्कूल प्रिंसिपल्स असोसिएशन’ ने छात्रों के बीच देशभक्ति की भावना को बढ़ाने और जागरूकता फैलाने के लिए अपने संदेश भेज रहा है।
असोसिएशन के सदस्यों का मानना है कि यह सिर्फ एक छोटा सा कदम है जिससे हम सीमा पर तैनात अपने सैनिकों के प्रति समर्थन दिखा सकते हैं। असोसिएशन से जुड़े प्रशांत रेडिज ने कहा, ‘छात्रों को उन समस्याओं के बारे में जागरूक होना चाहिए, जिनका सामना देश कर रहा है। पेन, कंपास बॉक्स और इरेजर जैसी सभी चीजें मेड इन चाइना हैं। हम अगर चीन के आर्थिक लाभ को थोड़ा भी नुकसान पहुंचा सकते हैं तो इसका मतलब है कि हम कुछ तो कर रहे हैं।’
असोसिएशन अब एक सर्कुलर प्रिंट करने वाला है जिसे सभी स्कूलों को भेजा जाएगा। रेडिज ने कहा कि स्कूलों की जिम्मेदारी है कि वह छात्रों में देशभक्ति की भावना जगाएं। कुछ दूसरे प्रिंसिपलों का भी कहना है कि अगर यह अपील शिक्षा विभाग की तरफ से होती तो कई दूसरे स्कूल भी इसका पालन करते। वहीं कुछ प्रिंसिपलों का कहना है कि छात्रों को सही तरीके से सिखाया जाना चाहिए। उन्हें सिर्फ चीन में बने सामानों के बहिष्कार करने को न कहा जाए बल्कि उन्हें करंट अफेयर्स से जुड़े मसलों पर जागरूक किया जाए।