बाराबंकी |
घाघरा नदी का पानी टूटे चरसड़ी तटबंध के चलते लोगों की दशकों पुराने आशियानें उजाड़ने लगा है। हालात का जायजा लेने के लिए शुक्रवार की शाम प्रदेश की बाढ़ राज्यमंत्री स्वाती सिंह प्रभावित गांवों में पहुंची तो उन्हें जनता के गुस्से का सामना करना पड़ा।
ग्रामीणों ने आरोप लगाया कि अब तक प्रशासन की ओर से उन्हें जरूरी सुविधाएं मुहैया नहीं करवाई गई हैं। तिरपाल न मिल पाने के चलते वह लोग तटबंध या अन्य स्थानों पर खुले आसमान के नीचे रहने को विवश है। नदी का जलस्तर एल्गिन ब्रिज पर 105.84 मीटर दर्ज किया गया जो कि खतरे के निशान से महज 23 सेमी नीचे है। हालांकि जलस्तर दोपहर बाद स्थिर रहा पर बाराबंकी के चार व गोंडा के छह गांवों में घुस चुके पानी के चलते यहां की आबादी पलायन को मजबूर रही।
मंत्री दोपहर करीब एक बजे अचानक बाराबंकी पहुंची और यहां से वह चरसड़ी तटबंध के कटे हिस्से के पास गईं। मंत्री ने सबसे पहले बाढ़ व सिंचाई विभाग के घाघरा व सरयू से जुड़े अधिकारियों से बचाव व सुरक्षा के लिए किए जा रहे प्रयासों की जानकारी ली। गोंडा के जिला प्रशासन ने मंत्री को बताया कि उनके जिले के तटबंध के कटे हिस्से से करीब 60 गांव प्रभावित हो रहे है। इसमें से अब तक दो चार गांवों में ही पानी घुसा है। कुछ ऐसा जवाब बाराबंकी जिला प्रशासन के अधिकारियों से भी मंत्री को मिला।