इंदौर |
गलती से सीमा लांघने के बाद पाकिस्तान में दशक भर से ज्यादा वक्त गुजारकर भारत लौटी मूक-बधिर युवती गीता के रहस्यमय हालात में करीब 30 मिनट तक लापता रहने का मामला सामने आया है। स्वदेश वापसी के बाद वह मूक-बधिरों के लिए चलाई जा रही एक स्थानीय गैर सरकारी संस्था के आवासीय परिसर में प्रशासन की देख-रेख में पिछले 20 महीने से रह रही है, क्योंकि उसके परिवार को अब तक नहीं खोजा जा सका है।
पुलिस के एक आला अधिकारी ने बताया कि गैर सरकारी संस्था मूक-बधिर संगठन के गुमाश्ता नगर स्थित आवासीय परिसर से गीता 6 जुलाई को दोपहर 4 बजे के आस-पास लापता हो गई। यह सूचना मिलने पर युवती की तस्वीर फौरन पुलिस कर्मियों तक पहुंचाई गई और नजदीकी इलाकों में उसकी तलाश शुरू की गयी। उन्होंने बताया कि पुलिस के त्वरित प्रयासों के कारण गीता को उसके लापता होने के आधे घंटे के भीतर चन्दन नगर थाना क्षेत्र में सही-सलामत ढूंढ निकाला गया।
यह स्थान मूक-बधिर संगठन के उस आवासीय परिसर से करीब तीन किलोमीटर दूर है, जहां से गीता लापता हुई थी। बहरहाल, अभी यह रहस्य बना हुआ है कि गीता कल किन हालात में लापता हुई। वस्तुस्थिति जानने के लिए मूक-बधिर संगठन की संचालक मोनिका पंजाबी वर्मा से संपर्क की कोशिश की गई, लेकिन कई प्रयासों के बावजूद उनकी प्रतिक्रिया नहीं मिल सकी। गीता 7-8 साल की उम्र में पाकिस्तानी रेंजर्स को समझौता एक्सप्रेस में लाहौर रेलवे स्टेशन पर मिली थी।