मुंबई |
शिवसेना ने सार्वजनिक कार्यक्रमों में मोदी-मोदी का नारा लगाने वालों को आड़े हाथों लिया है। पार्टी ने अपने मुखपत्र सामना में कहा है कि ये बेशर्म भक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को डूबा देंगे। आज देश ऐसे लोगों से सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है। ये जो ‘मोदी-मोदी’ चिल्लाते हैं, वास्तव में इससे प्रधानमंत्री की प्रतिष्ठा को नुकसान हो रहा है। पार्टी ने याद दिलाया कि 1971 में प्रधानमंत्री इंदिरा गांधी ने पाकिस्तान को घुटने टेकने पर मजबूर कर दिया था और पूर्वी पाकिस्तान को उससे अलग कर बांग्लादेश बनवा दिया था। उस वक्त उनके भक्त भी ‘भारत ही इंदिरा है’ का नारा लगाने लगे थे। इसके बावजूद उन्हें चुनावों में बुरी तरह हार का सामना करना पड़ा था और इंदिरा के भक्तों ने ही उन्हें डूबा दिया था।
‘मोदी-मोदी’ के नारे
शुक्रवार को देश की सबसे बड़ी मुंबई महानगरपालिका में राज्य के वित्तमंत्री सुधीर मुनगंटीवार जीएसटी से बीएमसी को हुए राजस्व की नुकसान भरपाई का चेक देने के लिए आए थे। उस वक्त शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे भी उपस्थित थे। उस कार्यक्रम में भाजपा के नगरसेवकों ने ‘मोदी-मोदी’ के नारे लगाए, तो शिवसेना के नगरसेवकों ने ‘चोर हैं-चोर हैं’ का नारा लगाया। इस घटना का उल्लेख करते हुए मुखपत्र में लिखा गया कि भाजपा ने शिवसेना के शेरों को चुनौती दी, तो उन्हें ‘कान के नीचे’ खींचकर जवाब दिया गया। हमने मोदी का हमेशा प्रधानमंत्री के रूप में सम्मान किया है। उनका नाम लोगों के बीच गर्व से लिया जाना चाहिए, लेकिन इस तरह सनकी तरीके से नहीं।