नई दिल्ली |
सरकार ने सियाचिन में तैनात सैनिकों और उग्रवाद रोधी अभियानों के लिए तथा नक्सल क्षेत्रों में तैनात सुरक्षाकर्मियों का जोखिम तथा कठिन भत्ता दोगुने से ज्यादा बढ़ा दिया है। सातवें केंद्रीय वेतन आयोग (सीपीसी) की सिफारिशों को मामूली संशोधनों के साथ कैबिनेट द्वारा स्वीकार किए जाने के बाद सरकार ने गजट में अधिसूचित किया कि बढ़ा भुगतान उच्च भत्तों में शामिल है। दुनिया के सबसे ऊंचे युद्धक्षेत्र सियाचिन में तैनात सैनिकों को दिया जाने वाला भत्ता 14 हजार रुपए प्रति महीने से बढ़ाकर 30 हजार रुपए कर दिया गया है। अधिकारियों के लिए यह भत्ता 21 हजार रुपए बढ़ाकर 42,500 रुपए कर दिया गया है।
किन-किन काे मिला फायदा?
यहां एक आधिकारक बयान में कहा गया कि उच्च उंचाई भत्ता 2700-25,000 रुपए प्रति महीने कर दिया गया है जो पहले 810-16,800 रुपए प्रति महीने था। उग्रवाद रोधी अभियान भत्ता 6,000-16,900 रुपए प्रति महीने कर दिया गया है जो पहले 3,000-11,700 रुपए प्रति महीने था। नक्सल प्रभावित क्षेत्रों में सीआरपीएफ कर्मियों को दिया जाने वाला कोबरा भत्ता 17,300-25,000 रुपए कर दिया गया है जो पहले 8,400-16,800 रुपए प्रति महीने था। बयान में कहा गया कि हालांकि सीपीसी ने शांत इलाकों में तैनात रक्षा अधिकारियों का राशन धन भत्ता (आरएमए) खत्म करने तथा उन्हें नि:शुल्क राशन उपलब्ध कराने की सिफारिश की थी, लेकिन सरकार ने इसे स्वीकार नहीं किया है और आरएमए बैंक खातों में भेजा जाता रहेगा।