मुंबई |
एनसीपी नेता और महाराष्ट्र के पूर्व उप मुख्यमंत्री छगन भुजबल और उनके परिवार की 300 करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति आयकर विभाग ने कुर्क कर दी है। हाल में लागू एक आपराधिक कानून के तहत भुजबल पर आरोप लगाए गए थे। आयकर विभाग ने कहा कि भुजबल फैमिली ने कथित रूप से तकरीबन 4 दर्जन फर्जी कंपनियों में गोरखधंधा कर इतनी जायदाद बनाई।
भ्रष्टाचार के आरोपों में जेल में बंद पूर्व उप मुख्यमंत्री के लिए नई परेशानी खड़ी करते हुए आयकर विभाग ने भुजबल, उनके बेटे पंकज और भतीजे समीर भुजबल की संपत्तियों की अस्थायी कुर्की के लिए नोटिस भेजे हैं। उन्हें कथित बेनामी संपत्तियों के लाभार्थियों के रूप में चिह्नित किया है।
आयकर विभाग के आदेश के तहत कुर्क अचल संपत्ति में नासिक की गिर्णा शुगर मिल्स शामिल हैं, जिसका मूल्य 80.97 करोड से ज्यादा है। इसमें मुंबई के सांताक्रूज में स्थित 11.30 करोड़ से ज्यादा कीमत की रिहायशी बहुमंजिली इमारत ‘सॉलिटेयर’ भी शामिल है। जहां चीनी मिल आर्मस्ट्रांग इंफ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड के नाम है, वहीं रिहायशी इमारत प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड के नाम है।
कुर्की में बांद्रा पश्चिम में स्थित हबीब मेनोर और फातिमा मेनोर बिल्डिंग भी शामिल हैं, जिनकी कीमत 43.61 करोड रुपये आंकी गई है। इनका बेनामीदार प्रवेश कंस्ट्रक्शन प्राइवेट लिमिटेड है। इनमें रायगढ़ का 87.54 करोड़ रुपये मूल्य का प्लॉट शामिल है, जिसका बेनामीदार देविशा इन्फ्रास्ट्रक्चर प्राइवेट लिमिटेड है। कुर्क की गई बेनामी संपत्तियों की कुल कीमत 223 करोड़ रुपये से ज्यादा आंकी गई, जबकि आयकर विभाग का कहना है कि इसका बाजार मूल्य 300 करोड़ रुपये से ज्यादा है। विभाग ने कुल 44 शेल कंपनियों की शिनाख्त की है।