नई दिल्ली |
कश्मीर में आतंकियों के खिलाफ सुरक्षाबलों की कड़ी कार्रवाई का असर नजर आने लगा है। इस साल 2 जुलाई तक कम से कम 92 आतंकियों को मार गिराया गया। 2016 में इसी समयावधि में मारे गए आतंकियों का आंकड़ा 79 था। आतंक निरोधी कार्रवाई में इस साल मारे गए आतंकियों का आंकड़ा 2012 और 2013 के सालाना फिगर को भी पार कर गया है। उस वक्त कांग्रेस की अगुआई वाली यूपीए सत्ता में थी।
सेना को बड़ी कामयाबी
बता दें कि जम्मू-कश्मीर में 2012 में 72 जबकि 2013 में 67 आतंकी मारे गए थे। वहीं, एनडीए के कार्यकाल 2014 में यह आंकड़ा उछलकर 110 पहुंच गया। 2015 में कुल 108 जबकि 2016 में 150 आतंकी मारे गए। गृह मंत्रालय के एक सीनियर अफसर ने बताया, ‘इस साल 2 जुलाई तक मारे गए आतंकियों की संख्या 2014 और 2015 में मारे गए आतंकियों के आंकड़े से जरा सा ही कम है।’ वह आतंकियों के खिलाफ इस कामयाबी का श्रेय सेना, केंद्रीय बलों, राज्य सरकारों और इंटेलिजेंस एजेंसियों के बीच बेहतर तालमेल को देते हैं।