नई दिल्ली |
जीएसटी लागू होने के बाद कमोडिटीज की सप्लाई और उनकी कीमतों पर नजर रखने के लिए सरकार ने एक कमिटी का गठन किया है। मंगलवार को जीएसटी से जुड़े कई भ्रमों को दूर करते हुए राजस्व सचिव हसमुख अढ़िया ने बताया कि अब तक 2 लाख 2 हजार लोगों ने जीएसटी के तहत रजिस्ट्रेशन के लिए आवेदन दिया है। जीएसटी लागू होने के बाद प्रॉडक्ट्स के एमआरपी से अलग वसूली को लेकर उपभोक्ता मामलों के सचिव अविनाश श्रीवास्तव ने कहा, ‘जीएसटी लागू होने के बाद रिटेल प्राइस में संशोधन हो सकता है। यदि एमआरपी से अधिक दाम होंगे तो मैन्युफैक्चरर्स को दो अखबारों में सूचना देनी होगी और पैकेट पर रिवाइज एमआरपी लिखनी होगी। दाम कम होने पर विज्ञापन देने की जरूरत नहीं है, लेकिन रिवाइज एमआरपी अलग से लिखनी होगी। किसी भी चीज की एमआरपी में सभी टैक्स शामिल होंगे। इसके लिए अलग से किसी तरह के टैक्स की वसूली नहीं की जा सकती।’