लखनऊ |
समाजवादी पार्टी (सपा) संरक्षक मुलायम सिंह यादव की छोटी बहू अपर्णा यादव की स्वयं सेवी संस्था की जांच हो सकती है। अपर्णा यादव की संस्था ‘जीव आश्रय’ पर अखिलेश यादव सरकार की मेहरबानी का आलम यह था की पांच वर्षों में गो सेवा के नाम पर करीब साढे आठ करोड़ रुपए सरकार ने अनुदान के रुप में दे दिए थे। यह अनुदान सरकार के इस मद का 86 फीसदी से अधिक है।
सूचना के अधिकार के तहत इसका खुलासा होते ही राजनीतिक हल्कों में चटखारे लेकर इस पर चर्चा शुरु हो गई है। लोगों का कहना है कि भाई-भतीजावाद का इससे ज्वलंत उदाहरण क्या हो सकता है। उधर, सूबे के दुग्ध विकास मंत्री चौधरी लक्ष्मी नारायण ने संस्था को दिए गए धन की जांच की घोषणा कर दी है।
चौधरी ने कहा कि गौशाला के नाम पर सरकारी धन का बंदरबांट हुआ है। अखिलेश यादव सरकार ने इस मद का 86 फीसदी से ज्यादा धन अपने ही परिवार को दे डाला। इसकी जांच करवाकर दोषियों को दण्डित किया जाएगा। दूसरी ओर, इस बाबत अपर्णा यादव से कई बार बात करने की कोशिश की गई लेकिन वह फोन पर नहीं आईं और न ही कोई प्रतिक्रिया दी।