लखनऊ |
अवैध बूचड़खानों और गोतस्करी पर सीएम योगी आदित्यनाथ ने एक बार फिर कड़े तेवर दिखाए हैं। एक न्यूज चैनल से बातचीत में शुक्रवार को उन्होंने साफ कहा कि प्रशासन गोतस्करों और अवैध बूचड़खाने चलाने वालों की पूजा नहीं करेगा। अपने इस रुख के समर्थन में सीएम योगी ने अदालतों और एनजीटी के आदेशों का हवाला भी दिया। साथ ही यूपी में अब तक इन आदेशों पर अमल न होने को लेकर उन्होंने पिछली सरकारों की आलोचना भी की।
तुष्टीकरण की राजनीति पर परोक्ष रूप से हमला बोलते हुए योगी ने सवाल किया कि किन वजहों से पिछली सरकारों में आखिर अदालत और एनजीटी का आदेश क्यों नहीं लागू करवाया जा रहा था? प्रशासन भी इसे असंभव बता रहा था। फिर उसी प्रशासन ने अवैध बूचड़खाने बंद करवाए।
योगी ने कहा कि पिछली सरकार में काफी आर्थिक अराजकता थी। इस अराजकता पर अंकुश लगते ही बदलाव दिखना शुरू हो जाएगा और सरकार के पास पैसा भी आ जाएगा। किसानों की कर्जमाफी के सवाल पर उन्होंने कहा कि बजट का इंतजार करिए। सीएम ने कहा कि सरकार जनता पर कोई बोझ डाले बिना इसका इंतजाम कर रही है।
सीएम ने कहा कि जर्जर व्यवस्था उन्हें विरासत में मिली थी। उन्होंने कहा, ‘हमने शासन-प्रशासन को जवाबदेह और संवेदनशील बनाया है। हमारी सरकार ‘सबका साथ-सबका विकास’ के सिद्धान्त पर बिना किसी भेदभाव के सभी वर्गों के लिए काम कर रही है।’
इसके अलावा योगी ने सहारनपुर हिंसा को सुनियोजित साजिश बताया। सीएम ने कहा कि कोई भी संगठन या व्यक्ति कानून तोड़ेगा तो उस पर कार्रवाई होगी। गोरक्षा के नाम पर कोई भी कानून हाथ में न ले। साथ ही ताजमहल पर दिए अपने बयान पर कायम रहते हुए उन्होंने कहा कि ताजमहल पर्यटन का प्रतीक हो सकता है, पर आस्था का प्रतीक कतई नहीं हो सकता।