पटना |
भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) के वरिष्ठ नेता और पूर्व उपमुख्यमंत्री सुशील कुमार मोदी ने शुक्रवार को चुनौती देते हुए कहा कि राष्ट्रीय जनता दल (आरजेडी) प्रमुख लालू प्रसाद में अगर हिम्मत है तो वह बिहार में वस्तु एवं सेवा कर (जीएसटी) को लागू होने से रोककर दिखाएं। बीजेपी नेता ने कांग्रेस और आरजेडी के नेताओं से सवालिया लहजे में कहा कि जब जीएसटी विधेयक संसद और विधानमंडल में सर्वसम्मति से पारित किया जा रहा था, तब इन दोनों दलों ने समर्थन ही क्यों किया था?
सुशील मोदी ने कहा, ‘वर्ष 2015-16 की तुलना में 2016-17 में बिहार में वाणिज्य कर की वृद्धि दर मात्र नौ प्रतिशत रही। जीएसटी लागू होने के बाद केंद्र सरकार ने राज्यों को वाणिज्य कर में सलाना 14 प्रतिशत वृद्धि की गारंटी दी है। 14 प्रतिशत से कम कर संग्रह होने पर राज्य को मुआवजा मिलेगा। उपभोक्ता राज्य होने के कारण बिहार में 25 प्रतिशत तक वृद्धि संभावित है।’ जीएसटी का लाभ बताते हुए उन्होंने कहा कि जीएसटी लागू होने पर माल की ढुलाई में चेक पोस्ट के कारण लगने वाले समय में 16 प्रतिशत की कमी आएगी। छोटे कारोबारियों की परेशानी के मद्देनजर 20 लाख रुपये तक के टर्नओवर वालों को कर से मुक्त रखा गया है, वहीं 75 लाख रुपये तक वालों को मात्र एक प्रतिशत कर देना होगा।
मोदी ने लालू प्रसाद पर निशाना साधते हुए कहा, ‘लालू को कर संग्रह और कर वृद्धि से कोई मतलब नहीं हैं, उन्हें तो अपने परिवार की एक हजार करोड़ रुपये की बेनामी संपत्ति बचाने की चिंता है।’ उन्होंने कहा कि कांग्रेस के जिन दो वित्त मंत्रियों प्रणब मुखर्जी और पी. चिदंबरम ने जीएसटी की मूल अवधारणा को आगे बढ़ाया, जिस जीएसटी बिल को देश के 29 राज्यों और दो केंद्र शासित प्रदेशों ने सर्वसम्मति से पारित किया, उसका विरोध कर कांग्रेस अपनी ओछी राजनीति का परिचय दे रही है।