नई दिल्ली।
कालेधन पर लगातार कार्रवाई का स्विस बैंकों में भारतीयों की जमाओं पर भारी असर पड़ा है। वर्ष 2016 में यह 45 फीसदी घटकर सिर्फ 4500 करोड़ रुपए (67.6 स्विस फ्रैंक) रह गई।
पाकिस्तान की जमा में भी गिरावट आई है, फिर भी वह भारत से आगे है। गोपनीयता की दीवार में दरार आने के कारण स्विस बैंकों की कमाई भी घटकर आधी रह गई है। स्विस नेशनल बैंक अथॉरिटी(एसएनबी) के आंकड़ों से भारतीयों की जमा आधी होने की बात सामने आई है। स्विस बैंकों में भारतीयों का कितना काला धन जमा है? यह सवाल देश में कई दशकों से बड़ा मुद्दा बना हुआ है।
देश की राजनीति भी अक्सर इस सवाल के इर्द-गिर्द घूमती नजर आती है। वैसे, स्विस बैंकों में विदेशियों के कुल 96 लाख करोड़ रुपए जमा है। पाकिस्तानियों द्वारा स्विस बैंकों में जमा राशि करीब 6 फीसदी घटकर 9500 करोड़ रुपए (1.40 अरब स्विस फ्रैंक) रह गई। हालांकि यह भारतीयों से ज्यादा है। कुछ बैंक हो गए दिवालिया बीते साल स्विस बैंक का शुद्ध लाभ घटकर 7.9 अरब स्विस फ्रैंक (करीब 53,000 करोड़ रुपए) यानी आधा रह गया।
वर्ष 2015 में इन बैंकों के मुनाफे का आंकड़ा 15.8 अरब स्विस फ्रैंक (लगभग 1.06 लाख करोड़ रुपए) था। एसएनबी की ओर से जारी सालाना रिपोर्ट के मुताबिक 261 पंजीकृत बैंकों में 226 ही मुनाफे में रह गई हैं। 2018 से जानकारियों के आदान-प्रदान की व्यवस्था स्विट्जरलैंड ने कुछ वक्त पहले ही भारत व 40 अन्य देशों के साथ उनके नागरिकों के खातों और काले धन से जुड़ी जानकारियों के स्वतः आदान-प्रदान की व्यवस्था को मंजूरी दी थी। यह व्यवस्था संबंधित सूचनाओं के साथ वर्ष 2018 से शुरू होगी। वैसे, इसके तहत आंकड़ों के आदान-प्रदान की शुरुआत 2019 में होगी।