पटना।
राजग के राष्ट्रपति प्रत्याशी रामनाथ कोविंद के समर्थन के मुद्दे पर बिहार में सत्तारूढ़ महागठबंधन में हफ्तेभर से जारी घमासान थमने का नाम नहीं ले रहा है। अब जीएसटी के मुद्दे पर नया विवाद बढ़ता दिख रहा है।
दिल्ली में 30 जून की आधी रात को संसद के विशेष आयोजन में जदयू की ओर से बिहार का प्रतिनिधित्व राज्य के वाणिज्यकर एवं ऊर्जा मंत्री बिजेंद्र प्रसाद यादव करेंगे, जबकि राजद ने इसका विरोध करने का निर्णय लिया है। जदयू के ताजा निर्णय से महागठबंधन की शांति- सहमति को एक और झटका लग सकता है।
राष्ट्रपति प्रत्याशी के बाद जीएसटी के मुद्दे पर राजद, जदयू एवं कांग्र्रेस की अलग-अलग रास्ते से यह जाहिर होता है कि शीर्ष नेताओं द्वारा महागठबंधन को एकजुट और अटूट बताने के बावजूद अंदर-अंदर तकरार की चिंगारी अभी सुलग रही है। राजद सांसद जयप्रकाश यादव का यह बयान इस मायने में काफी अहम है कि जीएसटी लांच कार्यक्रम से उनकी पार्टी दूर रहेगी। साथ ही राजद का कोई मंत्री भी शिरकत नहीं करेगा। जयप्रकाश ने यह बयान लालू के समझौतावादी रुख के बाद दिया है।
लालू ने रांची में एक दिन पहले कहा था कि हथौड़ा मारने पर भी महागठबंधन की गांठ नहीं खुलेगी। राष्ट्रपति प्रत्याशी के मुद्दे पर जदयू के स्टैंड को नजरअंदाज करते हुए लालू ने सरकार में किसी तरह के मतभेद से इन्कार किया था। उन्होंने कहा था कि नीतीश कुमार ने सिर्फ कोविंद को समर्थन दिया है। एनडीए में शामिल नहीं हुए हैं।