इंदौर।
एमवाय अस्पताल में 24 घंटे में हुई 17 मरीजों की मौत के मामले में दायर जनहित याचिकाओं में गुरुवार को सुनवाई हुई। कोर्ट ने पक्षकार बनाए गए सभी लोगों को नोटिस जारी कर दो सप्ताह में जवाब मांगा। एमवायएच अधीक्षक नोटिस मिलने से पहले ही जवाब दे चुके हैं। कोर्ट ने कमिश्नर से शपथ पत्र पर स्पष्टीकरण भी मांगा है।
गौरतलब है कि 21 जून को एमवायएच में 24 घंटे के भीतर 17 मरीजों की मौत हुई थी। इनमें से 5 मौत तो सिर्फ एक घंटे में हुई थी। यह अफवाह भी फैली की मरीजों की मौत ऑक्सीजन सप्लाय में हुई गड़बड़ी से हुई है। मामले को लेकर जनहित याचिकाएं दायर कीं।
अस्पताल अधीक्षक नोटिस मिलने से पहले ही जवाब दे चुके हैं कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाय बाधित नहीं हुई थी। मरीजों की मौत सामान्य थी। गुरुवार को जस्टिस पीके जायसवाल और जस्टिस राजीव दुबे की बेंच ने याचिकाओं की सुनवाई के बाद उप अधीक्षक डॉ.सुनील नारंग और ठेकेदार कंपनी को नोटिस जारी कर जवाब मांगा।
अधीक्षक की ओर से तर्क रखा गया कि वे पूर्व में ही जवाब दे चुके हैं। इस पर याचिकाकर्ता की ओर से एडवोकेट यादव ने सवाल उठाया कि अस्पताल में ऑक्सीजन सप्लाय बाधित होने से कोई मौत नहीं हुई है तो जांच समिति क्यों गठित की गई। लोकसभा अध्यक्ष खुद इस मामले को लेकर चिंता जता चुकी हैं।