चंड़ीगढ़।
हरियाणा सरकार की एक पत्रिका में घूंघट निकाले महिला का चित्र प्रकाशित किया गया है। इसके साथ ही लिखा गया है कि घूंघट की आन-बान, म्हारे हरियाणा की पहचान। महिलाओं के मुंह ढंकने को लेकर जिस तरह से यह विज्ञापन प्रकाशित किया गया है, उसे लेकर रेसलर फोगट बहनों ने भी विरोध जताया है।
विपक्ष ने कहा कि यह राज्य की भाजपा सरकार की पिछड़ी मानसिकता को दिखाता है। मगर, सरकार ने इस पर अपना रुख कड़ा कर लिया है। हरियाणा सरकार की मासिक हरियाणा संवाद पत्रिका के परिशिष्ट कृषि संवाद के ताजा अंक में घूंघट में दिख रही एक महिला का फोटो छपा है। वह अपने सिर पर पशुआहार उठाए है और कैप्शन में लिखा गया है-घूंघट की आन-बान, म्हारा हरियाणा की पेचाण।
इस पर प्रतिक्रिया व्यक्त करते हुए पूर्व मुख्यमंत्री भूपिंदरसिंह हुड्डा और कांग्रेस प्रवक्ता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि यह भाजपा सरकार की पिछड़ी मानसिकता को दिखाता है, जबकि हरियाणा हर क्षेत्र में आगे है। तीन दिन पहले ही हरियाणा की मानुषी छिल्लर मिस इंडिया बनी है। राज्य से लड़कियां खेल व अन्य क्षेत्रों में भी शानदार काम कर रही हैं। अंतरिक्ष यात्री कल्पना चावला भी हरियाणा की थीं।
प्रदेश के सीनियर कैबिनेट मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा और अनिल विज ने विपक्ष के आरोपों को खारिज करते हुए कहा कि भाजपा सरकार ने महिला सशक्तीकरण के कई कदम उठाए हैं। सरकार इस बात का समर्थन नहीं करती है कि महिलाओं को घूंघट में रखा जाना चाहिए। शर्मा ने घूंघट को हरियाणा की संस्कृति का हिस्सा बताया। जीएसटी पर आयोजित कार्यशाला के बाद मीडिया ने पहले मुख्यमंत्री, फिर पर्यटन मंत्री प्रो. रामबिलास शर्मा व स्वास्थ्य मंत्री अनिल विज से घूंघट निकाले महिला के चित्र को लेकर सवाल किया।
मुख्यमंत्री मनोहर लाल ने इस बारे में जानकारी लेने के बाद टिप्पणी करने की बात कही, जबकि रामबिलास शर्मा ने कहा कि हमें अपने रीति रिवाज पर मान है। उन्होंने कहा कि हरियाणा की बेटियां राष्ट्रीय स्तर पर कमाल कर रही हैं, मगर संकीर्ण मानसिकता में बंधे लोगों को शायद यह अच्छा नहीं लगा। तभी हरियाणा की परंपरा घूंघट को बेवजह मुद्दा बनाया गया।
किसी भी सरकारी समारोह की शुरुआत पंजाब के भंगड़ा-गिद्दा और हरियाणवी नृत्य से होती है, जिसमें संस्कृति की झलक दिखाई देती है। वरिष्ठ मंत्री अनिल विज ने इस मुद्दे पर कहा कि घूंघट अनिवार्य हो, ऐसा हम नहीं मानते। मगर, कुछ जगह प्रथा है और कोई सहर्ष इसे स्वीकार करता है, तो इसमें किसी को आपत्ति नहीं होनी चाहिए। उन्होंने कहा कि प्रदेश में बेटी पढ़ाओ-बेटी बचाओ अभियान सफलतापूर्वक चल रहा है और लिंगानुपात में भी सुधार हुआ है।