नई दिल्ली |
राष्ट्रपति पद के लिए विपक्ष की उम्मीदवार मीरा कुमार ने आज कहा कि इस बार इस पद के चुनाव में दो विचारधाराओं के बीच मुकाबला है जिनमें से एक दलितों एवं शोषितों के खिलाफ तथा संकीर्णता को बढावा देने वाली है जबकि दूसरी वंचितों और सभी धर्माें की गरिमा बरकरार रखने की बात करती है। कांग्रेस के दिग्गज नेताओं और 16 अन्य विपक्षी दलों के प्रतिनिधियों के साथ अपना नामाकंन पत्र दाखिल करने के बाद कुमार ने संसद भवन परिसर में संवाददाताओं से कहा कि यह चुनाव विचारधाराओं की लडाई है। इस समय देश चौराहे पर खडा है। एक रास्ता संकीर्णता ,तंगदिली और तंगविचारों का है जिसमें दलितों और शोषितों के हितों की बात नहीं होती है जबकि दूसरा महिलाओं , शोषितों,वंचितों और सभी धर्माें की गरिमा बनाये रखने का है।
उन्होंने दोहराया कि उनकी विचारधारा जनतांत्रिक मूल्यों, समावेशी समाज, प्रेस एवं अभिव्यक्ति की स्वतंत्रता तथा पारदर्शिता बनाये रखे और जातिप्रथा के विनाश की है। कुमार ने कहा कि इतिहास इस बात का गवाह है कि हमने इन विचारों को सिर्फ शदों से नहीं बल्कि सही मायने में लागू किया है। उन्होंने निर्वाचक मंडल के सभी सदस्यों से एक बार फिर अंतररात्मा की आवाज पर वोट देने की अपील की। उन्होंने कहा कि वह उमीद पर चुनाव लड रही हैं और विश्वास जताया कि उन्हें सबका समर्थन मिलेगा।
पूर्व लोकसभा अध्यक्ष ने बताया कि वह कल अहमदाबाद पहुंचकर साबरमती से अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरूआत करेंगी । अगले दिन मुंबई और फिर बेंगलुरू तथा छह जुलाई को बिहार जाएंगी। नामांकन पत्र भरने से पहले कुमार ने सुबह राष्ट्रपिता महात्मा गांधी की समाधि राजघाट और अपने पिता पूर्व उप प्रधानमंत्री जगजीवन राम के समाधिस्थल‘समता स्थल’जाकर दोनों को याद किया।