पेइचिंग |
चीन के अखबार ‘ग्लोबल टाइम्स’ का कहना है कि भारत को पेइचिंग के प्रति आक्रामकता नहीं दिखानी चाहिए। अखबार ने भारत को यह भी याद दिलाया है कि ताकत के मामले में वह उससे कहीं आगे है। चीनी मीडिया के मुताबिक, भारत को अमेरिका की ओर से जो सामरिक समर्थन मिल रहा है, वह सतही है और उसे गंभीरता से नहीं लिया जाना चाहिए। साथ ही, सिक्किम में भारत और चीन के बीच पैदा हुए ताजा विवाद का जिक्र करते हुए पेपर ने दावा किया कि जिस हिस्से पर भारतीय सेना आपत्ति जता रही है, वह चीन का भूभाग है।
सोमवार को वाइट हाउस में अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच हुई मुलाकात में दोनों नेताओं के बीच काफी गर्मजोशी और सहजता दिखी। मोदी की इस यात्रा के दौरान दोनों देशों के बीच आतंकवाद जैसे कई अहम मुद्दों पर सहमति बनी और पाकिस्तान के प्रति अमेरिका ने भी भारत जैसा ही रुख दिखाया। साथ ही, हिंद महासागर में चीन के बढ़ते प्रभाव और उसकी आक्रामक समुद्रीय महत्वाकांक्षा पर लगाम कसने के लिए भी भारत और अमेरिका के बीच अहम सहमति कायम हुई। अगले महीने ही भारत और अमेरिका जापान के साथ मिलकर हिंद महासागर में अब तक का सबसे बड़ा नौसैनिक अभ्यास करने जा रहे हैं। इसके अलावा अमेरिका भारत को 23 ड्रोन्स भी दे रहा है, जिसका इस्तेमाल भारतीय नौसेना हिंद महासागर में चीन के जहाजों और पनडुब्बियों पर नजर रखने के लिए कर सकती है। पाकिस्तान के साथ-साथ मोदी और ट्रंप की इस मुलाकात पर चीन की भी नजर थी। इस मीटिंग पर प्रतिक्रिया करते हुए ग्लोबल टाइम्स ने अपने एक लेख में भारत को याद दिलाने के अंदाज में लिखा गया है कि यह समय चीन के प्रति आक्रामकता दिखाने का नहीं है। बता दें कि चीन में मीडिया पर सरकार का पूरा नियंत्रण है। ग्लोबल टाइम्स को तो चीन का सरकारी अखबार माना जाता है।