इंदौर ।
मध्यप्रदेश में फिर तीन किसानों द्वारा खुदकुशी की घटनाएं सामने आई हैं। बालाघाट और इंदौर जिले में दो किसानों ने कर्ज से परेशान होकर जान दे दी, उधर झाबुआ जिले में बेटे के ससुराल वालों को दहेज नहीं दे पाने पर किसान ने आत्महत्या कर ली।
बालाघाट के भरवेली जागपुर निवासी किसान डालचंद पिता आत्मा राम लिल्हारे ने कीटनाशक खाकर आत्महत्या कर ली। जानकारी के मुताबिक डालचंद ने 2008 में सिंडीकेट बैंक से खेती के लिए 2 लाख रुपए और सोसायटी से भी कर्ज लिख था। जो अब बढ़कर बहुत ज्यादा हो चुका था।
इसे चुकाने के लिए उसने डेढ़ एकड़ जमीन भी बेच दी थी, लेकिन फिर भी पूरा कर्ज नहीं उतरा। बैंक से लगातार फोन आ रहे थे, जिससे किसान काफी परेशान हो चुका था। सोसायटी ने भी उसे डिफाल्टर घोषित कर दिया था।
परिजनों के अनुसार करीब डेढ़ महीने से डालचंद बहुत परेशान रहने लगा था। मंगलवार सुबह जब उसे जगाने की कोशिश की तो वो नहीं उठा। इसके बाद परिवार के लोग उसे अस्पताल ले गए, जहां डॉक्टरों ने उन्हें मृत घोषित कर दिया। यहां साफ हो गया कि रात में सोते वक्त ही किसान ने जहर खा लिया था।
इंदौर में भी किसान ने पिया जहर
इंदौर के धार रोड पर गांधी नगर थाना क्षेत्र के धरनावदा गांव में एक किसान ने जहर पीकर आत्महत्या कर ली। सूचना मिलने पर पुलिस मौके पर पहुंची और शव को पोस्टमार्टम के लिए जिला अस्पताल भेजा। परिजनों के मुताबिक किसान कर्ज से परेशान था। इस दौरान कांग्रेस विधायक जीतू पटवारी भी उसके घर पहुंच गए।
झाबुआ जिले में किसान ने दी जान
झाबुआ जिले के पारा चौकी क्षेत्र के पीथनपुर में आदिवासी किसान जहु ने आत्महत्या कर ली। उसके पास बेटे के ससुराल वालों को दहेज देने के पैसे नहीं थी। आखिरी तारीख निकलने के बाद भी जब वो पैसे नहीं दे पाया तो किसान ने खुदकुशी कर ली। गौरतलब है कि आदिवासी समाज में शादी के बाद लड़के का परिवार लड़की के परिवार को दहेज देता है। पुलिस ने मामले की जांच शुरू कर दी है।