लखनऊ।
उत्तर प्रदेश में भाजपा की सरकार बने 100 दिन पूरे हो गए हैं। अब मुख्मयंत्री योगी आदित्यनाथ मंगलवार को अपनी सरकार के कामकाज का ब्योरा पेश करेंगे। अब से कुछ ही देर बाद योगी आदित्यनाथ लोकभवन में एक प्रेस कॉन्फ्रेंस को संबोधित करतए हुए अपनी सरकार का सौ दिन का रिपोर्ट कार्ड सार्वजनिक करेंगे। माना जा रहा है कि यही सरकार का श्वेतपत्र भी होगा।
वैसे राज्य सरकार ने अपनी सौ दिन की उपलब्धियां सार्वजनिक करने की तैयारी कई दिन पहले से ही शुरू कर दी थी, लेकिन इसे सोमवार को अंतिम रूप दिया गया।
सड़कों की मरम्मत, कर्ज माफी, गेंहूं खरीद, गन्ना किसानों को बकाया दिलाना, समाज कल्याण योजनाओं में बदलाव आदि दर्जनों काम उसकी उपलब्धियों में हैं और इन पर उसका खास फोकस रहने के आसार हैं।
इसके साथ ही पिछली सरकार के कामकाज से तुलना करते हुए रिपोर्ट सामने रखी जाएगी।
मुख्यमंत्री न सिर्फ प्रदेश की वित्तीय हालात को सामने रखेंगे, बल्कि ऐसी हालत क्यों हुई और कौन जिम्मेदार हैं, यह भी बताएंगे। गौरतलब है कि कमजोर वित्तीय हालातों की वजह से योगी सरकार की कई योजनाओं को ठिठकना पड़ा है।
मुख्यमंत्री पहले भी यह कहते रहे हैं कि उन्हें विरासत में जर्जर व्यवस्था मिली है। पिछली हुकूमत के वित्तीय कुशासन और घोटालों के दस्तावेजी सुबूत भी सामने रखे जा सकते हैं।
राज्य सरकार अपने सौ दिनों के कामकाज की तुलनात्मक रिपोर्ट पेश करने के लिए हर विभाग से पिछले पांच साल की योजनाओं, केंद्र या प्रदेश सरकार द्वारा आवंटित राशि, कितना पैसा खर्च हुआ, काम की जमीनी हकीकत आदि जानकारियां पहले ही मंगा चुकी है।
विशेष तौर पर उसका फोकस केंद्र सरकार की उन योजनाओं पर भी होगा जो राज्य की पूर्व सरकार की उपेक्षा की वजह से दम तोड़ती रहीं।
उल्लेखनीय है कि गोमती रिवर फ्रंट, दिल्ली-सहारनपुर यमुनोत्री राष्ट्रीय राजमार्ग, आगरा-लखनऊ एक्सप्रेसवे, जेपी सेंटर के सुंदरीकरण, यूपीएसआइडीसी के टेंडरों में हेराफेरी, पालना गृह योजना, चीनी मिलों को औने-पौने दाम
पर बेचे जाने और वक्फ बोर्ड की संपत्तियों पर कब्जे और उन्हें बेचे जाने के घपले जैसे मामलों की सरकार सीबीआइ से जांच कराई जा रही है। सरकार यह भी सामने रखेगी कि किन वजहों से जांच का आदेश देना पड़ा।