भोपाल।
30 जून के बाद भी समर्थन मूल्य पर प्याज खरीदी के भले ही औपचारिक आदेश जारी न हुए हों पर सहकारिता विभाग ने कलेक्टरों को निर्देश दे दिए हैं वे पंजीकृत किसानों से तब तक खरीदी करें, जब तक उनका नंबर न आ जाए। उधर, इसके विपरीत जिन जिलों में खरीदी नहीं हो रही है, वहां की प्याज औने-पौने दाम में प्याज बिक रही है।
अशोक नगर के किसानों को शिवपुरी में समर्थन मूल्य पर प्याज नहीं लेने के कारण साढ़े तीन रुपए किलो के हिसाब से प्याज बेचनी पड़ी। इसकी शिकायत मुख्यमंत्री सचिवालय में भी हुई पर कोई हल नहीं निकला। वहीं, दिल्ली से लौटने के बाद मुख्यमंत्री ने रविवार को सुबह अधिकारियों से प्याज और दलहन खरीदी का फीडबैक लिया।
प्रदेश के 22 जिलों में मार्कफेड प्याज की समर्थन मूल्य पर खरीदी कर रहा है। इनके अलावा पड़ोसी जिले का किसान प्रशासन से दस्तावेज सत्यापित कर प्याज ला रहा है तो भी खरीदी नहीं की जा रही है। अशोक नगर के सुरेंद्र पाल सिंह ने 220 क्विंटल प्याज बेचने के लिए कलेक्टर से दस्तावेज से सत्यापित कराए। इसे वे शिवपुरी मंडी में बेचने के लिए ले गए, प्रशासन खरीदी के लिए तैयार नहीं हुआ।
मुख्यमंत्री सचिवालय में भी इसकी शिकायत की गई पर कोई हल नहीं निकला। मजबूरी में 15 हजार रुपए का भाड़ा लगाकर प्याज शिवपुरी पहुंचे सिंह को साढ़े तीन रुपए किलोग्राम के हिसाब से प्याज बेचकर वापस आना पड़ा। इसी तरह की समस्या अन्य जिलों में भी सामने आ रही है। मार्कफेड के प्रबंध संचालक ज्ञानेश्वर पाटिल ने बताया कि सरकार ने चुनिंदा जिलाें में प्याज खरीदी की व्यवस्था लागू की है।