सुकमा।
सुकमा में ऑपरेशन प्रहार के तहत पुलिस व नक्सलियों के बीच मुठभेड़ के बाद जवानों के शव लाने गए सीआरपीएफ के दो हेलिकॉप्टर पर रविवार दोपहर नक्सलियों ने फायरिंग कर दी। ऐसे में एक हेलिकॉप्टर को खाली लौटना पड़ा। 35 घंटे बाद भी शहीदों के शव बुरकापाल कैंप से सुकमा नहीं पहुंचाए जा सके थे। बाद में रणनीति बदली गई। पुलिस ने सड़क मार्ग से शव रात 8 बजे के बाद सुकमा पहुंचाए।
दरअसल रविवार सुबह 7 बजे पुलिस पार्टी 3 शहीद जवानों- दोरनापाल निवासी कट्टम राजकुमार, कोंटा ब्लॉक के बोड्डीगुडा के सुन्न्म मनीष व कांकेर के नरहरपुर थाना क्षेत्र के साल्हेटोला निवासी राजेश कुमार कोमरा और एक नक्सली का शव लेने चिंतागुफा थाना क्षेत्र के टुंडामरका पहुंची।
दो हेलिकॉप्टर में शहीद और 5 घायल जवानों को लाना था। घटना स्थल पर पहुंचते ही घात लगाए बैठे नक्सलियों ने फायरिंग शुरू कर दी। घायल जवानों को हेलिकॉप्टर तो ले आया, लेकिन दूसरे हेलिकॉप्टर में 4 गोलियां लग गईं।
तत्काल पायलट उसे वापस सुकमा ले गया। जगदलपुर से दूसरा हेलिकॉप्टर रेस्क्यू के लिए रवाना किया, लेकिन खराब मौसम के कारण संभव नहीं हुआ। शहीदोंं के परिजनों को सुकमा बुलाया था, लेकिन जब जवानों के शव देर शाम तक नहीं पहुंचे तो वे भड़क गए। शाम 6 बजे उनका सब्र टूट गया।
शहीद जवान कट्टम राजकुमार की 4 माह से गर्भवती पत्नी लता पांच साल की बेटी रिया के साथ आई थी। लता ने पुलिस अफसरों को जमकर खरी-खोटी सुनाई। यहां तक कह दिया कि अगर पुलिस पति के शव को नहीं ला सकती तो बता दे। वह खुद ला सकती है।