अमेरिकी सांसद टेड पो ने कहा है कि “पाकिस्तान के दामन पर अमेरिकियों के खून के दाग हैं और उसे इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।”
भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के अमेरिका दौरा से पहले दो अमेरिकी सांसदों ने शुक्रवार (23 जून) देश की संसद में एक बाईपार्टिसन बिल पेश किया है जिसमें पाकिस्तान के साथ अमेरिका के सामरिक सहयोग के रिश्ते खत्म करने की मांग की गई है। रिपब्लिकन पार्टी के सांसद टेड पो और डेमोक्रेटिक पार्टी के सांसद रिक नोलान द्वारा पेश किए गए इस विधेयक का मकसद पाकिस्तान को अमेरिका द्वारा दिया गया एमएनएनए (गैर नाटो प्रमुख सहयोगी देश) स्टेटस खत्म करना है। इन सांसदों ने विधेयक में कहा है कि “आतंकवादियों की पनाहगाह” पाकिस्तान से “पूरी तरह रिश्ते खत्म करना” जरूरी है। रविवार (25 जून) को भारतीय प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अमेरिका पहुंचेगे और सोमवार (26 जून) को पहली बार अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से रूबरू मिलेंगे। हालांकि दोनों नेता फोन पर पहले भी बात कर चुके हैं।
अमेरिकी की दो सबसे बड़ी राजनीतिक पार्टियों से जुड़े सांसदों ने प्रस्तावित विधेयक में कहा है कि पाकिस्तान आतंकवादी समूहों के खिलाफ लड़ाई के लिए दिए गए पैसे के प्रति जरा भी जिम्मेदार नहीं दिखाता है। सांसद पो ने कहा है कि “पाकिस्तान के दामन पर अमेरिकियों के खून के दाग हैं और उसे इसके लिए जवाबदेह ठहराया जाना चाहिए।” डोनाल्ड ट्रंप रिपबल्किन पार्टी के नेता हैं। उन्होंने डेमोक्रेटिक पार्टी की नेता हिलेरी क्लिंटन को हराकर डेमोक्रेटिक बारक ओबामा की जगह ली थी।
सांसद पो ने कहा है कि ओसामा बिन लादेन को छिपाने से लेकर तालिबान को मदद देने तक पाकिस्तान ने आतंकवादियों के खिलाफ किसी भी निर्णायक लड़ाई में किसी भी सार्थक ढंग से सहयोग नहीं दिया है। सांसद ने कहा है कि अमेरिका कम से कम इतना तो कर ही सकता है कि वो अपने अत्याधुनिक हथियार पाकिस्तान को उपलब्ध कराना बंद कर दे।
अमेरिका ने पाकिस्तान को एमएनएनए दर्जा साल 2004 में जॉर्ज डब्ल्यू बुश के कार्यकाल में दिया था। तब अमेरिका ने तर्क दिया था कि ये दर्जा पाकिस्तान को अल-कायदा और तालिबान के खिलाफ लड़ाई लड़ने में मदद के लिए दिया जा रहा है। अमेरिका द्वारा एमएनएनए दर्जा प्राप्त देश उससे प्राथमिकता के आधार पर हथियार और अन्य युद्द सामग्री खरीद सकता है। ऐसे देशों को हथियार आपूर्ति कम समय में की जाती है और इसके लिए लोन (कर्ज) भी दिलवाया जाता है।सांसद नोलान ने कहा है कि पाकिस्तान बार-बार अमेरिका की भलमनसाहत का फायदा उठाता रहा है। नोलान ने कहा है कि पाकिस्तान ने कई बार दिखा दिया है कि वो अमेरिका का दोस्त नहीं है। नोलान ने कहा है कि अमेरिका द्वारा पिछले 15 सालों में खर्च किए गए अरबों डॉलर के बाद भी पाकिस्तान ने आतंकवादी संगठनों के खिलाफ के कार्रवाई के लिए कुछ नहीं किया है।