कंपटीशन की तगड़ी मार झेल रहे ऑटोमोबाइल इंडस्ट्री के हर वर्ग में प्रतिस्पर्धा का तूफान चल रहा है। हर कोई एक दूसरे से आगे निकलने के चक्कर में तरह-तरह का प्रयोग कर रहा है। लेकिन इन प्रयोगों में सबसे ज्यादा जो कंपनियों को पसंद आ रहा है वह है वेरिएंट जोड़ना व फेसलिफ्ट देना। पूरी दुनिया में अगर ऑक्टेविया की बिक्री की बात करें तो कंपनी ने लगभग 50 लाख से भी अधिक ऑक्टेविया बेची है। लेकिन भारतीय बाजार में कमजोर सेल्स नेटवर्क के कारण अभी भी स्कोडा की कारें सिर्फ महानगरों या फिर टायर टू सिटीज तक ही सीमित रह गई हैं। अब 2013 में नए अंदाज व रूप में लॉन्च हुई ऑक्टेविया का नया स्वरूप बाजार में आने वाला है। 2017 ऑक्टेविया को हमने चंडीगढ़ में चलाया और यह जानने की कोशिश की कि इस कार में कंपनी ने कितना बदलाव किया है। तो आइए आपको इसकी ड्राइव पर सीधे लिए चलते हैं देश के सबसे खूबसूरत शहरों में शुमार चंडीगढ़। पहली नजर में ऑक्टेविया की नई क्वैड हेडलैंप डिजाइन आपको अपनी ओर आकर्षित कर लेती है। हो सकता है कि यहां प्रकाशित तस्वीरों में आपकी इसकी खूबसूरती का संपूर्ण आनंद न ले पाएं। लेकिन जब आप इसे सामने से देखेंगे तो इसके कायल हो जाएंगे। इसके बटरफ्लाई ग्रिल के साथ इसके छोटे हेडलैंप को बड़ी सफाई के साथ मर्ज किया गया है। इसके ये लैंप इसके पहले की ऑक्टेविया में मौजूद हैं पर अब ये ज्यादा छोटे हैं व अच्छे दिख रहे हैं। इसके अलावा इसके टॉप टू वेरिएंट में आपको एडाप्टिव, फुल एलईडी लाइटिंग ऑटो बीम फंक्शन के साथ मिलेंगे। इसका बोनट अब एकदम नया डिजाइन किया गया है तथा इस पर उकेरी गई लाइनें इसके चरित्र को और दिलचस्प बनाती हैं।
इसके सामने के बंपर में भी थोड़ा बदलाव है जिसके तहत इसमें स्पोर्टस क्रोम स्ट्रिप नए एलईडी फॉग लैंप के साथ दोनों तरफ दिए गए हैं। इसमें कॉर्नरिंग लाइट फंक्शन भी है। पहले की ऑक्टेविया की तरह अभी भी इसका साइड प्रोफाइल अच्छा दिखता है। इसमें सिर्फ एक बदलाव लाते हैं इसमें दिए गए 16 इंच के एलॉय व्हील। इसके बड़े व्हील के वजह से इसकी खूबसूरती तो बढ़ गई है लेकिन राइड कंफर्ट पर इसका असर पड़ा है। बगल के हिस्से की तरह इसका पिछला हिस्सा पुरानी गाड़ी से जरूर मिलता है पर रिवाज्ड एलईडी टेललैंप व बंपर में थोड़ा फर्क दिखता है। लेकिन ये फर्क सिर्फ इतना ही है कि आप बारीकी से देखेंगे तभी पता चलेगा। जिस तरह से इसके एक्सटीरियर में स्पिलट हेडलैंप अलग दिखता वैसे ही इसके इंटीरियर में सबसे जुदा नजर आता है इसका नया इंफोटेनमेंट स्क्रीन। इसका 8 इंच टचस्क्रीन डिस्प्ले केबिन को प्रीमियम फील देता है। इसके पुराने 6 इंच वाले डिस्प्ले के संचालन के लिए लगाए गए बटन की जगह अब टच बटन ने ले ली है। इसका हाई रेजोल्यूशन डिस्प्ले बढ़िया टच रिस्पांस देता है। इसके साथ ही में एंड्रायड ऑटो, एपल कार प्ले और मिरर लिंक इसे लग्जरी कार होने का पूरा अहसास कराते हैं। इसका ड्यृल जोन क्लाइमेट कंट्रोल सिस्टम का लेआऊट काफी जाना पहचाना लगता है और इसके ज्यादातर हिस्से में ग्लॉसी ब्लैक ट्रिम इसको बड़ा स्वरूप प्रदान करते हैं तथा बेज केबिन इसको हवादार बनाता है तथा यह खूबसूरत भी लगता है। अन्य बदलावों की बात करें तो इसमें पतला स्टीयरिंग व्हील व तरोताजा इंस्ट्रूमेंट क्लस्टर भी स्कोडा ने दिया है। लेकिन ऑक्टेविया की सबसे खास बात है इसमें दिया गया पार्किंग असिस्टम सिस्टम जिसे एक बटन के जरिए आप एक्टिव कर सकते हैं। अगर आपको गाड़ी कहीं पार्क करनी है इसे एक्टिव कर लें व कार की स्टीयरिंग को छोड़ दें तथा जैसे गाड़ी कहे वैसे ब्रेक करें कार अपने आप अपनी पार्क होने की जगह तलाश लेगी। इसमें पीछे तीन लोग बैठ सकते हैं लेकिन अगर लग्जरी फील लेना है तो बस दो ही लोग पीछे बैठें। स्कोडा ने अपनी इस लग्जरी प्रीमियम सेडान में तीन इंजन और तीन गियरबॉक्स का विकल्व दिया है। लेकिन इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ है। इसका 2 लीटर डीजल इंजन 143 एचपी की शक्ति औा 320 एनएम का टॉर्क देता है इसमें सिक्स स्पीड मैनुअल व 6 स्पीड डीएसजी ऑटोमेटिक का विकल्प दिया गया है। पेट्रोल खरीदारों के लिए इसमें 1.4 टीएसआई और 1.8 टीएसआई का विकल्प है जो कि अपने 7 स्पीड डीएसजी के साथ 180 एचपी की शक्ति व 250 एनएम का टॉर्क देता है। ऑक्टेविया की राइड गुणवत्ता में मुझे पुरानी ऑक्टेविया से कुछ अलग नहीं लगा लेकिन सबसे मजेदार मुझे लगा इसका पार्क असिस्ट सिस्टम। बस आप गाड़ी की बात मानते जाइए ये अपने आप खुद को पार्क कर लेगी आपको दिमाग लगाने की जरूरत नहीं है।