न्यूयार्क: अमेरिका में विशेषज्ञों का कहना है कि प्रधानमंत्री मोदी एक ऐसे नेता हैं, जिनके साथ अमेरिकी राष्ट्रपति वास्तव में काम कर सकते हैं. इन दोनों को अपनी पहली बैठक में एच1बी कार्य वीजा से जुड़ी चिंताओं के अलावा द्विपक्षीय संबंधों को आगे बढ़ाने की इच्छा भी व्यक्त करनी चाहिए एशिया सोसाइटी पॉलिसी इंस्टीट्यूट के सहायक निदेशक अनुभव गुप्ता ने पीएम मोदी की अमेरिका यात्रा की पूर्वसंध्या पर कहा, ‘प्रधानमंत्री मोदी की यात्रा के लिए इससे ज्यादा सुखद समय नहीं हो सकता था. राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप को अपने कार्यकाल को आधार देने का अवसर और अपने खाते में दर्ज कराने के लिए एक स्पष्ट उपलब्धि की दरकार है.
पीएम मोदी ट्रंप के लिए एक स्वाभाविक सहयोगी हैं. वह एक ऐसे नेता हैं, जिनके साथ ट्रंप वाकई काम कर सकते हैं. गुप्ता ने कहा कि ट्रंप और मोदी अपने संबंधों को नई उंचाई तक ले जाने की इच्छा व्यक्त करके सही कदम से शुरुआत कर सकते हैं. दोनों को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि एच1बी कार्य वीजा और बौद्धिक संपदा अधिकार समेत ‘उचित असहमतियों’ वाले कुछ मुद्दे इस संबंध को पीछे न धकेल दें.
उन्होंने कहा, ‘अमेरिकी कांग्रेस में इस बात को मजबूत सर्वदलीय समर्थन प्राप्त है कि अमेरिका का भारत के साथ करीबी संबंध होना चाहिए. भारत की तेजी से बढ़ती और लगातार खुलती अर्थव्यवस्था में अमेरिका के लिए भारी अवसर हैं. एशिया-प्रशांत क्षेत्र में भारत अमेरिका के लिए एक अहम सहयोगी साबित हो सकता है. इन सभी कारणों से, भारत के साथ मजबूत संबंधों पर जोर देना ट्रंप प्रशासन के लिए एक स्पष्ट जीत साबित होगा.’