नई दिल्ली: विदेश मंत्री सुषमा स्वराज ने आज कहा कि भारत आसियान के साथ मिलकर एशिया प्रशांत क्षेत्र में क्षेत्रीय सुरक्षा ढांचा विकसित कर रहा है जिसका उद्देश्य उभरती और गैर परंपरागत चुनौतियों का सहयोगी समाधान तलाशना है. शक्तिशाली समूह के साथ भारतीय सामरिक साझेदारी के विभिन्न पहलुओं पर चर्चा करते हुये स्वराज ने कहा कि दो साल की मंदी के बाद भारत-आसियान व्यापार एक बार फिर पटरी पर आ गया है और 2016-17 में इसमें आठ फीसदी की बढ़ोतरी देखी गई.
एक थिंक टैंक रिसर्च एंड इनफॉर्मेशन सिस्टम में भारत-आसियान साझेदारी पर अपने संबोधन में आतंक के वित्तपोषण, हथियारों की तस्करी, मानव तस्करी, धन शोधन और साइबर अपराध को क्षेत्र की प्रमुख चुनौतियों के तौर पर इंगित किया. उन्होंने कहा कि भारत और आसियान इस चुनौती से निपटने के लिए काम कर रहे हैं.
उन्होंने कहा, भारत एशिया प्रशांत क्षेत्र में आसियान के साथ मिलकर क्षेत्रीय सुरक्षा वास्तुशिल्प विकसित कर रहा है तो विवादों के शांतिपूर्ण समाधान के साथ ही उभरती और गैर परंपरागत चुनौतियों के सामूहिक समाधान पर जोर देगा. उन्होंने कहा कि नौवहन सहयोग और सुरक्षा बढ़ाना भी आसियान और भारत दोनों का केंद्र बिंदु रहेगा, जहां से कुल व्यापार का 10 फीसदी होता है.