इंदौर |
बिस्तरों को ऑक्सीजन की आपर्ति कथित तौर पर बंद होने से यहां शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवायएच) में चार नवजात बच्चों समेत नौ मरीजों की मौत की मीडिया खबरों को प्रशासन के एक आला अधिकारी ने हालांकि आज सिरे से खारिज किया। लेकिन कहा कि मामले की निष्पक्ष जांच के लिए एक समिति गठित की जाएगी।
मौत का कारण ऑक्सीजन का बंद होना नहीं
मौके पर पहुंचे कमिश्नर संजय दुबे ने कहा कि अस्पताल में 9 लोगों की मौत हुई है, लेकिन इसका कारण ऑक्सीजन का बंद होना नहीं, बल्कि मौत किसी गंभीर बीमारी के कारण हुई है। उन्होंने कहा कि मृतकों में कोई बच्चा शामिल नहीं है। उन्होंने मामले की जांच करवाने की बात भी कही। इसके लिए एक कमेटी बनाई जाएगी, जिसमें डॉक्टरों के साथ अफसर भी शामिल रहेंगे।
शवों के पोस्टमॉर्टम की उठी मांग
उन्होंने कहा, ‘‘एमवायएच 1,400 बिस्तरों वाला अस्पताल है और डॉक्टरों के तमाम प्रयासों के बावजूद इसके अलग-अलग वॉर्ड में आमतौर पर हर रोज औसतन 10 से 12 मरीजों की मौत होती है।’’ इस बीच, गैर सरकारी संगठन स्वास्थ्य अधिकार मंच के कार्यकत्र्ता चिन्मय मिश्र ने मांग की कि मामले की न्यायिक जांच होनी चाहिए। उन्होंने कहा, ‘‘पिछले 24 घंटों में एमवायएच में मरे उन सभी मरीजों के शवों के पोस्टमॉर्टम कराए जाने चाहिए, जिनके बिस्तरों को ऑक्सीजन की आपूर्ति की जा रही थी