लखनऊ।
उत्तर प्रदेश कलेक्टर ने एक नया टर्म लेकर आए हैं और वो है जेल टूरिज्म। फर्रुखाबाद जिला मजिस्ट्रेट रविंद्र कुमार जिले में स्थित सेंट्रल जेल के टूर पर 567 सरकारी कर्मचारियों को ले गए और उन्हें जेल के कैदियों से बातचीत करने का आदेश दिया। इस जेल में ऐसे 88 कैदी भी हैं जो कि सरकारी कर्मचारी रह चुके थे। उन्होंने यह कदम इसलिए उठाया ताकि वह सरकारी कर्मचारियों को यह समझा सकें कि भ्रष्टाचार में लिप्त होने से क्या होगा।
रविंद्र कुमार ने पीटीआई को बताया था ‘मैंने हाल ही में भ्रष्टाचार में लिप्त छह अफसरों को सस्पेंड किया था। भ्रष्टाचार को खत्म करने का सबसे अच्छा तरीका इस प्रक्रिया में शामिल होने से लोगों को रोकना है।’
इस टूर का एक कड़ा संदेश ये था कि अगर कर्मचारी नहीं सुधरे तो उन्हें जेल मे रह रहे कैदियों की तरह उस स्थिति का सामना करना पड़ेगा।
रविंद्र ने ‘जेल टूरिज्म’ टर्म भी शामिल की है जो कि सरकारी कर्मचारियों को भ्रष्टाचार से दूर रखने के लिए प्रभावी हो सकती है। कुछ सरकारी विभागों के प्रमुखों को जेल के अंदर की जिंदगी को महसूस कराने के लिए सेंट्रल जेल भेजा गया था। राज्य सरकार की जीरो टाॅलरेंस फोर करप्शन की नीति का संदेश देने के लिए यह किया गया।
उत्तरप्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने राज्य में भ्रष्टाचार को लेकर नाखुशी जाहिर की थी और इसे दूर करना अपनी प्राथमिकता में शामिल था।