नई दिल्ली।
पश्चिम बंगाल स्थित इशापुर में राइफल फैक्टरी द्वारा निर्मित असॉल्ट राइफल का ट्रायल किया गया जिसमें कई पैमानों पर ये असफल पाए गए। स्वदेशी 7.62 x 51mm असॉल्ट राइफल में बहुत सारी खामियां थीं और आर्मी इसे इस्तेमाल में तभी ला सकती थी जब इसके मैग्जीन की पूरी डिजाइनिंग फिर से की जाती।
सूत्रों के मुताबिक, फायरिंग टेस्ट के दौरान राइफलों में ज्यादा चमक और आवाज देखी गई। आर्मी का कहना है कि हथियारों की विश्वसनीयता के पहलू के गहन विश्लेषण की जरूरत है। भारतीय थल सेना देश में बनी इन असॉल्ट राइफल एक्स-कैलिबर को रिजेक्ट कर दिया है, यह लगातार दूसरी बार है जब इसे आर्मी ने रिजेक्ट किया है।
इन असॉल्ट राइफलों का प्रयोग एके-47 और इसांस की जगह किया जाना था। मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक, इस असॉल्ट राइफल में कुछ कमियां हैं जैसे कि यह तेजी से झटका देती है। इसके अलावा तेज आवाज और चमक भी इसमें एक समस्या है। पिछले साल भी सेना ने एक्स-कैलिबर नाम की इस स्वदेशी राइफल को रिजेक्ट कर दिया था। 5.56 एमएम की एक्स-कैलिबर सेना के फायरपावर आवश्यकताओं को पूरा नहीं करती। एक्स-कैलिबर को फिलहाल इस्तेमाल की जा रही 5.56 एमएम की इंसास राइफल का संभावित विकल्प माना जा रहा था।
फिलहाल सेना द्वारा एके 47 और इंसास राइफल का इस्तेमाल किया जा रहा है जिसे 1988 में सेना में शामिल किया गया था। बॉर्डर पर दुश्मनों से निपटने के उच्च मारक क्षमता वाली एक्स कैलिबर को इस साल सेना में शामिल किया जाना था।