भोपाल।
प्याज खरीदी में गड़बड़ी की बढ़ती आशंका को देखते हुए सरकार ने तय किया है कि अब प्याज के हर लेन-देन की जांच होगी। यदि किसान के खाते में पैसा आने के बाद तुरंत किसी ऐसे खाते में राशि स्थानांतरित होती है जो संदिग्ध है तो पूछताछ की जाएगी। बिना प्याज की खेती किए उपज बेचने वाले किसानों के खिलाफ भी कार्रवाई होगी। इसके लिए सभी किसानों से रिकॉर्ड की सत्यापित प्रतिलिपि ली जाएगी। ये व्यवस्था 26 जून से होने वाली खरीदी पर लागू होगी।
प्याज खरीदी को लेकर अपर मुख्य सचिव पीसी मीना ने वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए कलेक्टरों से फीडबैक लिया। सूत्रों के मुताबिक इसमें कलेक्टरों ने बताया कि मौके का फायदा उठाते हुए बाहरी राज्यों से व्यापारी प्रदेश में प्याज न खपाने लगें, इसके लिए नाकों पर पहरेदारी सख्त कर दी गई है।
कहीं से भी प्याज लेकर आने वाले ट्रकों को प्रदेश की सीमा में प्रवेश नहीं करने दिया जा रहा है। देवास में एक ट्रक भी पकड़ा गया है। 33 हजार टन से ज्यादा बिक चुका है। इसमें 27 हजार टन व्यापारियों ने खरीदा है। रीवा में खरीदी का काम पूरा हो गया है। रतलाम कलेक्टर ने बताया कि पांच-पांच बार प्याज बेचने वाले किसानों के खातों पर नजर रखी जा रही है। ये देखा जा रहा है कि वे कितना पैसा निकाल रहे हैें और ऑनलाइन ट्रांसफर कर रहे हैं तो किस खाते में जा रहा है।
दरअसल, सरकार को आशंका है कि प्रदेश में प्याज के ऊंचे दाम को देखते हुए कहीं प्याज कारोबारी खेल न कर रहे हों। बैठक में ही कलेक्टरों को निर्देश दिए कि 26 जून से होने वाली खरीदी में किसानों के रिकॉर्ड का भी सत्यापन किया जाए। ये सुनिश्चित कर लिया जाए कि जिस किसान ने प्याज की बोवनी की हो, उसी से उपज खरीदी जाए। साथ ही बैंक खाते से होने वाले लेन-देन पर भी नजर रखी जाए।