लखनऊ |
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने कहा कि अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस सूबे में त्योहार की शक्ल अख्तियार कर चुका है। तीसरे अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस के मौके पर रमाबाई अंबेडकर मैदान पर 51 हजार से अधिक लोगों की मौजूदगी में योगी ने कहा कि योग भारत की प्राचीन विधा है और हमारी ऋषि परम्परा का प्रसाद है। वेदों सहित सभी प्राचीन ग्रन्थों ने योग के महत्व को स्वीकारा है। योग जीवन जीने की एक कला है, एक विज्ञान है।
उन्होंने उत्तर प्रदेश में यह आयोजन करने के लिए मोदी के प्रति आभार व्यक्त करते हुए कहा कि आज पूरे प्रदेश में प्रत्येक जिले के गांव-गांव के अनेक स्थानों पर प्रधानमंत्री की मंशा के अनुरूप यह समारोह एक जनान्दोलन तथा जन अभियान के रूप में पूरे उत्साह के साथ मनाया जा रहा है। मुख्यमंत्री ने कहा कि अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस आज एक प्रकार का पर्व हो गया है। भारत की इस प्राचीन विधा को अन्तर्राष्ट्रीय मान्यता दिलवाने के लिए प्रधानमंत्री बधाई के पात्र हैं। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के अवसर पर दुनिया के 200 से अधिक देश एक साथ योग करते हुए इस समारोह में शामिल हैं।
योगी ने कहा कि मोदी भारत को दुनिया में महाशक्ति के रूप में स्थापित करना चाहते हैं और योग इसका आधार है। योग करने से ऐसा शरीर प्राप्त होता है, जिसमें न रोग है और न ही बुढ़ापा। यह जीवन को अमरता प्रदान करने का मंत्र है, जिसे देश के साथ-साथ पूरी दुनिया को प्रदान किया गया है। पूरी दुनिया ने भारत की इस प्राचीन विधा को मान्यता प्रदान की है। अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस को रमाबाई अम्बेडकर मैदान में आयोजित करने के विषय में योगी ने कहा कि माता रमाबाई भीमराव अम्बेडकर त्याग, बलिदान और साहस की प्रतिमूर्ति थीं।
उन्होंने निर्धनता एवं अभावग्रस्तता में भी साहस दिखाते हुए डॉ. भीमराव अम्बेडकर को उच्च शिक्षा के लिए प्रोत्साहित किया। ऐसी महान महिला की स्मृति में बनाए गए मैदान में तीसरे अन्तर्राष्ट्रीय योग दिवस के मुख्य कार्यक्रम का आयोजन उनके प्रति सम्मान का प्रतीक है। इससे पहले कार्यक्रम स्थल पर पहुंचने के उपरान्त प्रधानमंत्री का स्वागत किया गया। वर्षा होने के बावजूद मोदी ने उपस्थित जनसमुदाय के बीच स्वयं पहुंचकर योग दिवस पर सभी योगाभ्यासियों के साथ योग किया। उन्होंने कई लोगों से हाथ भी मिलाया।