रायपुर।
भारत सरकार की स्टार्टअप कंपनियों में प्रदेश की पहली रजिस्टर्ड ‘बड़ा दुकान” कंपनी ने थोक और रिटेल कारोबारियों को बड़ा झटका दिया है। इस कंपनी का डायरेक्टर रजत सरकार लाखों रुपए लेकर फरार हो गया है, यह अंदेशा कारोबारियों को है।
पीड़ित कारोबारी रायपुर स्थित कंपनी के ऑफिस के चक्कर लगा रहे हैं, लेकिन ऑफिस में कई दिनों से ताला लगा है। आरंग के कुछ कारोबारियों ने कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ एसपी संजीव शुक्ला से शिकायत की है। नईदुनिया की टीम जेल रोड नागदेव पैलेस स्थित इंटरेक्टिव बड़ा दुकान प्राइवेट लिमिटेड के हेड ऑफिस पहुंची, जिसका शटर बंद मिला।
कंपनी ने यहां दस माह पहले ही ऑनलाइन कारोबार शुरू किया था। केंद्र सरकार की स्टार्टअप कंपनियों की सूची में इसका नाम दर्ज है, जिसका सर्टिफिकेट नम्बर डीआईपीपी 1323 है। मंगलवार को आरंग के चार कारोबारी त्रिलोकपुरी गोस्वामी, पोखराज पनुरिया, डोमेंद्र साहू और सागर जोशी ने कंपनी के डायरेक्टर के खिलाफ एसपी से शिकायत की।
शिकायतकर्ताओं के मुताबिक कंपनी के को-फाउंडर डायरेक्टर में रजत सरकार और उनके पिता रतन सरकार का नाम है। गोस्वामी ने ढाई लाख, पनुरिया ने 50 हजार, साहू ने 10 हजार और जोशी ने 15 हजार स्र्पए आरटीजीएस कर कंपनी के खाते में जमा कराने का दावा किया है।
इन कारोबारियों का कहना है कि आरंग जैसे छोटे शहर के कारोबारियों ने जब लाख रुपए तक निवेश किए। रायपुर, बिलासपुर, दुर्ग, भिलाई, कोरबा, रायगढ़, राजनांदगांव जैसे बड़े शहरों के कई कारोबारियों ने पांच-सात लाख स्र्पए तक जमा किए थे।
कंपनी ने नक्सल प्रभावित क्षेत्र दंतेवाड़ा, बीजापुर, सुकमा, बचेली, किरंदुल तक के रिटेलर कारोबारियों को झांसे में लिया था। इस मामले में रजत सरकार से बात करने की कोशिश की गई, उनका मोबाइल फोन बंद मिला। शिकायतकर्ताओं ने भी बताया कि वे कई दिनों से मोबाइल पर बात करने की कोशिश कर रहे हैं, लेकिन हमेशा बंद मिलता है।
बंद करने से पहले दो माह का नोटिस देना था कंपनी में निवेश करने वाले कारोबारियों के मुताबिक डायरेक्टर के साथ उनका अनुबंध हुआ, तब दस्तावेज में लिखा था, कंपनी बंद की जाती है या किसी कारणवश इकरारनामा आगे नहीं बढ़ाया जाता है तो दो माह का लीगल नोटिस दिया जाएगा। डायरेक्टर ने कंपनी का शटर गिराने से पहले अनुबंध की शर्तों का पालन नहीं किया।