नई दिल्ली |
भारत एनएसजी सदस्यता हासिल करने के लिए एक बार फिर सतर्क कोशिश में जुटा हुआ है। पिछले साल एनएसजी में शामिल होने की कोशिशों को लगे झटके के बाद भारत इसबार चौकन्ना है। भारत पर्दे के पीछे सदस्य देशों के साथ इसके लिए समर्थन जुटाने में लगा हुआ है। हालांकि उसके लिए सबसे मुश्किल बात यह है कि चीन ने भारत के प्रति अपने रुख में बदलाव लाने के कोई संकेत नहीं दिए हैं।
इस सप्ताह NSG की पूर्ण बैठक
इस सप्ताह होने वाली एनएसजी की होने वाली पूर्ण बैठक में अपनी सदस्यता की उम्मीदों को जिंदा रखने के लिए भारत गुपचुप कोशिश कर रहा है। 48 सदस्यीय एनएसजी की बैठक स्विट्जरलैंड की राजधानी बर्न में होनी है। विदेश मंत्रालय के कई सचिव ब्राजील जैसे अहम देशों के राजदूतों से इस मसले पर बात कर रहे हैं ताकि ये देश भारत की उम्मीदवारी को आगे बढ़ा सकें। इसी सप्ताह दक्षिण कोरिया के राष्ट्रपति मून जे-इन ने अपना एक विशेष दूत डी चुंग को भारतीय पीएम नरेंद्र मोदी से मिलने भेजा था। दोनों पक्षों के बीच इस मसले पर बातचीत हुई थी। हालांकि किसी ने इस बारे में कोई जानकारी नहीं दी है। दक्षिण कोरिया एनएसजी का आउटगोइंग अध्यक्ष है।