नई दिल्ली |
बीजेपी द्वारा रामनाथ कोविंद को एनडीए का राष्ट्रपति उम्मीदवार बनाने की घोषणा के बाद विपक्षी दलों की एकता दरकती दिख रही है। कोविंद के लिए बिहार के सीएम नीतीश कुमार के नरम रवैये को देखते हुए कांग्रेस में बेचैनी बढ़ गई है। कोविंद के नाम की घोषणा के बाद कांग्रेस विपक्षी एकता की दुहाई देते हुए जेडी (यू) के राष्ट्रीय अध्यक्ष नीतीश कुमार को यह समझाने की पूरी कोशिश कर रही है कि वह कोविंद के पक्ष में वोट नहीं करें। कांग्रेस और जेडी (यू) सूत्रों ने इस बात की पुष्टि की है कि नीतीश ने कोविंद के बिहार में अच्छे कार्यकाल के बारे में कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी को बताया था। सूत्रों के मुताबिक नीतीश बुधवार को पार्टी नेताओं की होने वाली बैठक में अपने पत्ते खोल सकते हैं।
सोमवार को नीतीश द्वारा कोविंद की सार्वजनिक तारीफ के बाद ऐसे संकेत मिल रहे हैं कि वह एनडीए के राष्ट्रपति पद के उम्मीदवार के खिलाफ नहीं जाएंगे। सूत्रों ने बताया कि कांग्रेस में इस बात को लेकर चिंता है कि पिछली बार प्रणव मुखर्जी का समर्थन करने वाली जेडी (यू) अभी भी बीजेपी से नजदीकी रख रही है। बता दें कि बिहार में जेडी (यू), आरजेडी और कांग्रेस की गठबंधन सरकार है।
कांग्रेस में इस बात को लेकर चिंता है कि अगर नीतीश कोविंद का समर्थन करेंगे तो विचारधारा के आधार पर विपक्ष की राष्ट्रपति उम्मीदवार खड़ा करने की कोशिशों को धक्का लग सकता है। अब कांग्रेस आरजेडी चीफ लालू यादव और जेडी (यू) के पूर्व अध्यक्ष शरद यादव के भरोसे नीतीश को मनाने में लगी हुई है। राज्यसभा में विपक्ष के नेता गुलाम नबी आजाद रमजान के एक कार्यक्रम में भाग लेने के लिए पटना गए हुए हैं और उनके राज्य के सीएम नीतीश कुमार से मिलने की उम्मीद है। बताया जा रहा है कि आजाद नीतीश से विपक्षी एकता बरकरार रखने की अपील करेंगे।