पाकिस्तान से निपटने के लिए अमेरिका ड्रोन अटैक बढ़ाने, पाकिस्तान को दिए जा रहे फंड को रोकने और एक मददगार देश के तौर पर इस्लामाबाद को दिए गए दर्जे को घटाने के बारे में सोच रहा है।
अफगानिस्तान में लगातार हो रहे आतंकी हमलों को लेकर अमेरिका अब पाकिस्तान के साथ सख्ती से पेश आने की तैयारी में है। अमेरिकी अफसरों ने संकेत दिया है कि डोनाल्ड प्रशासन पाकिस्तान में स्थित आतंकी गुटों के ठिकानों पर हमला कर सकती है। न्यूज एजेंसी रॉयटर्स के अनुसार अमेरिका के लिए सबसे बड़ी चुनौती उन ठिकानों की है, जिसमें छिपे आतंकी अफगानिस्तान को अपना निशाना बना रहे हैं। इन ठिकानों पर हमला करने के लिए ट्रंप प्रशासन नई रणनीति पर विचार कर रही है। संभव है कि वो आतंकी संगठनों को खत्म करने के लिए इस्लामाबाद के खिलाफ कड़ा रुख अपनाए।
अमेरिकी ऑफिसर्स ने न्यूज एजेंसी रॉयटर्स को बताया कि ट्रम्प प्रशासन पाकिस्तान में सक्रिय आतंकवादी गुटों को खत्म करने के लिए ड्रोन का इस्तेमाल कर सकती है। अमेरिका खासतौर पर उन आतंकी संगठनों पर हमला करना चाहता है जो अफगानिस्तान को निशाना बना रहे हैं।
पाकिस्तान से निपटने के लिए अमेरिका ड्रोन अटैक बढ़ाने, पाकिस्तान को दिए जा रहे फंड को रोकने और एक मददगार देश के तौर पर इस्लामाबाद को दिए गए दर्जे को घटाने के बारे में सोच रहा है। नाम उजागर न करने की शर्त पर एक अमेरिकी अफसर ने रॉयटर्स को यह जानकारी दी।
एक और अमेरिकी अफसर ने कहा, “पाकिस्तान पर हमारी रणनीति क्या हो, इसपर अभी विचार नहीं किया गया है। हम पाकिस्तान से निपटने के लिए नई रणनीति बनाएंगे। उसमें सब साफ हो जाएगा कि हम पाकिस्तान से क्या चाहते हैं।”
कुछ अफसरों ने न्यूज एजेंसी को बताया कि ट्रंप प्रशासन की नई रणनीति के तहत कोशिशों के कामयाब होने की उम्मीद बहुत कम है। पाकिस्तान अपने यहां आतंकी संगठनों को पनाह देना बंद करे। इसके लिए अमेरिका पहले ही चेतावनी दे चुका है। लेकिन खास नतीजा नहीं निकला।
उनका कहना था कि पाकिस्तान के कट्टर विरोधी भारत से अमेरिका के रिश्ते मजबूत हो रहे हैं, ऐसे में ट्रम्प प्रशासन की कोशिशें कामयाब होगी, इसपर भरोसा नहीं है। अमेरिकी अफसरों ने कहा कि वो पाकिस्तान से बेहतर सहयोग की उम्मीद करते हैं, रिश्ते खत्म करना नहीं चाहते।
आपको बता दें कि अमेरिका 16 साल से अफगानिस्तान में चल रही जंग को लेकर अपनी रणनीति तैयार कर रहा है और उसका विश्लेषण कर रहा है। हालांकि, इस मुद्दे पर अभी व्हाइट हाउस और पेंटागन की ओर से कोई अधिकारिक बयान नहीं आया है। अमेरिकी अफसरों ने ट्रंप प्रशासन की नई रणनीति पर अधिकारिक बयान देने से इनकार कर दिया।