नई दिल्ली |
केंद्र सरकार पर्यावरण के माकूल घरों ‘ग्रीन होम्स’ को बढ़ावा देने की दिशा में गंभीरता से सोच रही है। ग्रीन हाउसिंग सोसायटी डिवेलप करने के लिए सरकार सस्ते लोन और कम रजिस्ट्रेशन फीस जैसी सुविधाएं देगी। क्लाइमेट चेंज से लड़ने की दिशा में केंद्र इस तरह की रिहायशी कॉलोनियां विकसित करने की दिशा में सोच रही है। बता दें कि ग्रीन होम्स वे घर हैं, जो पर्यावरण को ध्यान में रखकर विकसित किए जाते हैं। इनमें पर्यावरण के नजरिए से एनर्जी, जल संसाधन और बिल्डिंग मटीरियल्स का प्रभावशाली इस्तेमाल किया जाता है।
सरकारी सूत्रों ने बताया कि ग्रीन होम्स को बढ़ावा देने के लिए ही इससे जुड़े नियम-कायदे यानी एनर्जी कंजर्वेशन बिल्डिंग कोड फॉर रेजिडेंशल सेक्टर (ECBC-R) तैयार किया जा चुका है। ये नियम 2007 में सरकारी और कमर्शल इमारतों से संबंधित कोड की तर्ज पर ही हैं। ऊर्जा मंत्री पीयूष गोयल सोमवार को ECBC-2017 पेश कर सकते हैं। इसे भारतीय रीयल्टी सेक्टर में इको फ्रेंडली निर्माण की दिशा में बड़ा कदम माना जा सकता है।
सूत्रों ने बताया कि ऊर्जा मंत्रालय के अंतर्गत काम करने वाले ब्यूरो ऑफ एनर्जी एफ़िशंसी (BEE) एक योजना पर काम कर रहा है। मकसद ऐसे घरों को बढ़ावा देना है, जहां ऊर्जा का प्रभावशाली इस्तेमाल हो सके। यानी यहां रोशनी या कूलिंग के लिए संसाधनों की कम डिमांड विकसित की जा सके। इसी कोशिश के तहत, वर्तमान रेजिडेंशल इमारतों में भी नए उपकरणों का इस्तेमाल करके ऊर्जा के कम और प्रभावशाली इस्तेमाल को बढ़ावा देना है।