रायपुर।
बस्तर में लगातार बैकफुट पर पड़े नक्सली अब मध्यप्रदेश, महाराष्ट्र और छत्तीसगढ़ के बीच जंगलों में नया जोन बनाने की तैयारी में जुटे हैं। इसका खुलासा इसी साल राजनांदगांव जिले में हुई एक मुठभेड़ के बाद बरामद दस्तावेजों से हुआ है। इस जोन में मध्यप्रदेश के बालाघाट और महाराष्ट्र के गोंदिया जिलों के साथ छत्तीसगढ़ के राजनांदगांव, कवर्धा तथा मुंगेली जिलों को शामिल किया गया है।
मार्च 2017 में लिखे गए 25 पेज के नक्सल दस्तावेज में इसे महाराष्ट्र, मध्यप्रदेश, छत्तीसगढ़ कॉन्फ्लुएंस (एमएमसी) जोन कहा गया है। नवंबर 2015 में बस्तर के दरभा डिविजन के कमांडर सुरंेद्र को प्रमोट कर जोनल कमांडर बनाया गया और एमएमसी कॉरिडोर की कमान सौंपी गई।
इससे पहले 2006-07 में नक्सलियों ने बलांगीर, बरगढ़, महासमुंद (बीबीएम) डिविजन का गठन किया था। गोंदिया, राजनांदगांव, बालाघाट (जीआरबी) एक छोटा डिविजन है। जीआरबी के करीब 20-30 नक्सली भी अब एमएमसी जोन में शामिल हो गए हैं। पुलिस अफसरों का अनुमान है कि एमएमसी में कुल मिलाकर करीब 80 नक्सली हैं। इस टुकड़ी को उन्होंने विस्तार प्लाटून नाम दिया है।