भारत के गृह मंत्रालय ने आतंकी संगठन हिज्बुल मुजाहिद्दीन कमांडर बुरहान वानी के नाम को लेकर सभी विभागों और सुरक्षा एजेंसियों को लिखित आदेश दिया है। आदेश में कहा कि पिछले साल मुठभेड़ में मारे गए बुरहान का नाम किसी भी लिखित पत्राचार में न लिखा जाए बल्कि उसे मुठभेड़ में मारा गया आतंकवादी लिखा जाए। बुरहान की मौत के बाद से ही घाटी में जारी हिंसक प्रदर्शनों में 90 से ज्यादा लोगों की मौत हो चुकी है।
गृह मंत्रालय के एक वरिष्ठ अधिकारी ने बताया, कि आठ जुलाई की उस घटना कोभविष्य में तीन उग्रवादियों से हुई मुठभेड़ के रूप में दर्ज किया जाएगा। अधिकारी के अनुसार ये फैसला पाकिस्तान, कश्मीर, अंतरर्राष्ट्रीय मंचों को देखते हुए लिया गया है। गृह मंत्रालय ने अधिकारियों को आदेश दिया है कि लोकसभा या राज्यसभा के जवाब में भी वानी के नाम का प्रयोग न किया जाए। बुरहान के अलावा हिज्बुल मुजाहिद्दीन का नाम भी किसी आधिकारिक पत्राचार या सूचना में न किया जाए।
मंत्रालय ने आरटीआई के तहत पूछे गए सवालों के जवाब में भी इन नामों का प्रयोग न करने का आदेश दिया है। सूत्रों के अनुसार गृह मंत्रालय को अंदेशा है कि बुरहान वानी के मारे जाने के एक साल पूरे होने पर घाटी एवं अन्य जगहों पर कश्मीरी अलगाववादी विभिन्न तरह के आयोजन कर सकते हैं। इसीलिए केंद्र सरकार अभी से उसके लिए तैयारी कर रही है।