मुंबई।
मुंबई में 1993 में हुए सीरियल बम धमाकों के मामले में सुनवाई करते हुए विशेष टाडा कोर्ट में अबू सलेम समेत 6 आरोपियों को अलग-अलग धाराओं में दोषी करार दिया है। कोर्ट ने अबू सलेम को साजिश और आतंक फैलाने का दोषी माना है। इनके आलावा एक आरोपी को अदालत ने बरी कर दिया है।
सलेम के अलावा कोर्ट ने सबसे पहले मुस्तफा डोसा को दोषी करार दिया है। अदालत ने डोसा को हत्या और साजिश का दोषी करार दिया है। कोर्ट ने फैसला सुनाते हुए कहा है कि सरकारी पक्ष ने आरोप साबित कर दिए हैं।
वहीं अदालत ने एक और आरोपी फिरोज खान को भी आईपीसी, टाडा और एक्सप्लोसिव एक्ट के तहत हत्या और साजिश का दोषी पाया है। उसके बाद अदालत ने ताहिर मर्चेंट को भी इस मामले में दोषी करार दे दिया है।
मामले में एक और आरोपी करीमुल्लाह शेख को भी इन्हीं धाराओं में दोषी करार दिया है। इन सभी की देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने का दोषी माना गया है।
बता दें कि मुंबई में हुए इन विस्फोटों में 257 लोग मारे गए थे और 713 गंभीर रूप से घायल हुए थे। मुकदमे का पहला पहला चरण 2007 में पूरा हुआ था। इसमें कोर्ट ने 100 लोगों को दोषी ठहराया था और 23 लोगों को बरी कर दिया था।
सात आरोपियों अबू सलेम, मुस्तफा दोसा, करीमुल्ला खान, फीरोज अब्दुल राशिद खान, रियाज सिद्दीकी, ताहिर मर्चेंट और अब्दुल कय्यूम का मुकदमा मुख्य मुकदमे से अलग कर दिया गया था। क्योंकि इनकी गिरफ्तारी मुख्य मुकदमा पूरा होने के बाद हुई थी।
इस मामले में सलेम पर गुजरात से हथियार मुंबई ले जाने का आरोप है। मुस्तफा दोसा भारत में आरडीएक्स समेत विस्फोटकों को लाने का आरोपी है।
सलेम ने एके-56 राइफलें, 250 बुलेट और कुछ हैंड ग्रेनेड अभिनेता संजय दत्त को उनके आवास पर 16 जनवरी 1993 को सौंपे थे। दो दिन बाद सलेम और दो अन्य लोग दत्त के घर से दो राइफल और कुछ गोलियां ले गए थे।