इंदौर।
सायबर सेल ने हाईटेक ठगी करने वाले गिरोह के एक सदस्य को गिरफ्तार किया। आरोपी ने मुंबई और पीथमपुर के उद्योगपतियों के खातों से 20 लाख से ज्यादा की ठगी कबूली। गिरोह के सरगना ने आरोपी को फर्जी वोटर आईडी के जरिये सिम जारी करवाने जिम्मा सौंपा था। उसे एक सिम के बदले 25 हजार रुपए मिलते थे। उसके कब्जे से पुलिस को कई फर्जी वोटर आईडी भी मिले।
एसपी (सायबर) के मुताबिक एक संगठित गिरोह ने फर्जी दस्तावेजों के जरिये एक्सपोर्ट फर्म संचालक मुकुल अग्रवाल की सिम बंद करवा दी और दूसरी सिम जारी करवाकर इंटरनेट बैंकिंग के जरिये करीब 20 लाख रुपए तीन खातों में ट्रांसफर कर लिए।
सायबर सेल ने मई 2017 में धोखाधड़ी का केस दर्ज कर आरोपी नूर मोहम्मद को गिरफ्तार किया था। उसके बयानों के आधार पर टीम ने बुधवार रात गिरोह के सदस्य राजेश तूफानी कनोजिया (38) निवासी अब्दुल रहमन चाल सुभाष नगर कुर्ला अंधेरी (मुंबई) को गिरफ्तार किया।
9वीं पास तूफानी मूलतः वाराणसी (यूपी) का रहने वाला है। उसके पिता की चाय की दुकान है। वह मुंबई में प्रॉपर्टी ब्रोकर बनकर छुपा था। वह गिरोह के लिए फर्जी आईडी से सिम इशु करवाता था।
आरोपी के मुताबिक गिरोह के सरगना सलीम शेख ने उद्योगपति अग्रवाल के नाम से फर्जी वोटर आईडी कार्ड बनाकर दिया था जिस पर उसने खुद का फोटो लगाया और वसई (मुंबई) स्थित वोडाफोन कंपनी के आउटलेट से दूसरी सिम जारी करवा ली।
एसपी के मुताबिक आरोपियों ने वन टाइम पासवर्ड (ओटीपी) जनरेट कर अग्रवाल के खाते से 20 लाख रुपए ट्रांसफर किए। तूफानी से मुंबई के कई उद्योगपतियों के वोटर आईडी जब्त हुए हैं। गिरोह उनके खातों से भी रुपए ट्रांसफर करने का प्रयास कर रहा था। आरोपी ने सोनू लेखवानी और जयेश नामक जालसाज का नाम कबूल किया।