इंदौर ।
शहर की सवा सौ साल पुरानी सेंट्रल जेल में अब टेक्सटाइल (कपड़ा) फैक्टरी लगाने की योजना बनाई गई है। इसका प्रस्ताव बनाकर मुख्यालय भेजा गया है। वहां से अनुमति का इंतजार है। सब कुछ ठीक रहा तो जल्द ही इंदौर की जेल में बने कपड़ों का उपयोग कैदियों के साथ दूसरे लोग भी कर सकेंगे।
जेल मुख्यालय ने पिछले दिनों एक आदेश निकालकर सभी जेलों को अपडेट करने के लिए कहा था। इसमें जेल में सालों से चले आ रहे पुरातन कौशल विकास कार्यक्रम के बजाए जेलों को किसी एक काम में एक्सपर्ट बनाने की योजना बनाकर भेजने के लिए कहा गया था। इंदौर और उज्जैन जेल को टेक्सटाइल, भोपाल जेल को स्टेशनरी, जबलपुर जेल को बर्तन और ग्वालियर जेल को दरी और हैंडलूम के लिए एक्सपर्ट बनाने की योजना है।
जेल अधीक्षक रमेशचंद्र आर्य ने बताया कि हमने अपनी तरफ से प्रस्ताव बनाकर भेज दिया है। निर्णय भोपाल से होगा। हमने यहां पर कैसे कच्चा माल आएगा, उसे कैसे तैयार किया जाएगा, कैसे बेचा जाएगा, कैदियों को कैसे प्रशिक्षित किया जाएगा। कितनी जगह की जरूरत पड़ेगी। इन सारी बातों का पूरा अध्ययन कर प्रस्ताव बनाकर भेजा है।