बीजिंग |
भारत को घेरने के लिए पाकिस्तान के साथ मिलकर चीन लगातार हिंद महासागर में अपना दखल बढ़ा रहा है। इसके तहत चीन और पाकिस्तान की नौसेना ने अरब सागर में संयुक्त सैन्य अभ्यास किया है।चीन की पीपुल्स लिबरेशन आर्मी (PLA) के मुताबिक दोनों देशों की नौसेना ने हिंद महासागर में आपसी तालमेल बेहतर बनाने के लिए यह अभ्यास किया है। इससे पहले शनिवार को चीन का एक जंगी बेड़ा चार दिवसीय दौरे पर पाकिस्तानी के कराची बंदरगाह पहुंचा था।
इस जंगी बेड़े में गाइडेड मिसाइल विध्वंसक चांगचुन, गाइडेड मिसाइल फ्रिगेज जिनझोउ और जलपोत चाओहू शामिल हैं। पिछले कई दशकों से चीन हिंद महासागर में अपनी मौजूदगी बढ़ाने की कोशिश कर रहा है। अब उसे इस मामले में पाकिस्तान का साथ मिल गया है। इसी के तहत उसके जंगी बेड़े और पंडुब्बियां बार-बार कराची और ग्वादर से आवाजाही कर रहे हैं। हालांकि चीन इन जंगी बेड़े और पनडुब्बियों की आवाजाही को सौहार्द दौरा बता रहा है।
कराची बंदरगाह भारतीय तट के बेहद करीब है, ऐसे में यहां से चीन भारतीय युद्धपोत की आवाजाही की जासूसी कर सकता है। चीन अपनी मरीन कोर के विस्तार की भी योजना बना रहा है, जिसको वह पाकिस्तान के विभिन्न हिस्सों में तैनात करेगा। पिछले हफ्ते अमरीका ने भी अलर्ट किया था कि चीन पाकिस्तान में सैन्य ठिकाना बनाने की फिराक में है।
छह जून को पेंटागन की ओर से जारी रिपोर्ट में कहा गया कि पाकिस्तान समेत उन देशों में चीनी सैन्य बेस स्थापित किए जाने की संभावना है, जिनसे चीन के लंबे समय से दोस्ताना और सामरिक रिश्ते रहे हैं। ड्रैगन के इस कदम ने भारत की चिंता बढ़ा दी है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियां चीनी नौसेना के क्रियाकलाप पर करीब से निगाह रख रही हैं। हाल ही में पाकिस्तान अधिकृत कश्मीर (PoK) में चीन का दखल बढ़ा है। चीन-पाकिस्तान आर्थिक गलियारा भी PoK से गुजर रहा है, जिसका भारत कड़ा विरोध कर रहा है।