नई दिल्ली |
राष्ट्रपति चुनाव को लेकर सभी राजनीतिक दल तैयारियों में जुट गए हैं। इनमें से एक खेमे में सत्ताधारी एनडीए है तो दूसरी तरफ कांग्रेस व अधिकतर विपक्षी पार्टियां। खबरें है कि दिल्ली की आम आदमी पार्टी(आप) इन दोनों ही खेमों में नहीं है। दरअसल, कांग्रेस ने यह सुनिश्चित किया है कि भाजपा के खिलाफ एकजुट हुए ‘संयुक्त विपक्ष’ में आम आदमी पार्टी की एंट्री न हो। कांग्रेस का मानना है कि ‘आप’ खुद को भाजपा से बचाने की कोशिश कर रहे हैं। हालांकि यह अलग बात है कि पार्टी प्रमुख अरविंद केजरीवाल ने तृणमूल चीफ ममता बनर्जी, सीपीएम महाप्रमुख सीताराम येचुरी और जेडीयू लीडर शरद यादव से मिलकर इस खेमे में आने की इच्छा जताई थी। ‘आप’ की दलील थी कि अगर तृणमूल-सीपीएम, कांग्रेस-लेफ्ट और एसपी-बीएसपी जैसी राजनीतिक तौर पर विरोधी पार्टियां साथ आ सकती हैं तो वह क्यों नहीं?