लंदन |
इराक और सीरिया में अपने कब्जे वाले कई इलाकों के हाथ से फिसलने के बाद आतंकवादी संगठन IS ने इस साल रमजान के पवित्र महीने को ‘खूनी’ बनाने की धमकी दी थी। हाल में मिस्र, ब्रिटेन और ईरान और फिलीपींस में हमले कर के इस आतंकवादी सगंठन ने खुद को हुए नुकसान से लोगों का ध्यान हटाने की कोशिश की है, ताकि वह लड़ाकों की भर्ती के लिए अल-कायदा से बढ़ती प्रतिस्पर्धा के बीच मुस्लिमों के लिए पाक समझे जाने वाले इस महीने में दुनिया भर में अपने समर्थक बढ़ा सके।
इस सप्ताह अपनी अंग्रेजी मैगजीन में आतंकवादियों ने इस बात पर जोर दिया है कि कुछ इलाके खोने से उनके खूनी इरादों पर कोई असर नहीं पड़ा है। 26 मई से शुरू हुए रमजान के दौरान हुए हमले आईएस की क्रूर महत्वाकांक्षाओं को बयां करते हैं। आईएस ने जहां पश्चिमी देशों को निशाना बनाना जारी रखा, वहीं फिलीपींस में अपना विस्तार किया और शिया आबादी वाले ईरान को भी नहीं बख्शा। अल-कायदा से भी कभी ऐसा जोखिम नहीं लिया था। जिहादी समूहों की समझ रखने वाले आसफ मोगदम ने कहा, ‘वे कह सकते हैं कि यह कुछ ऐसा है जिसे अल-कायदा भी करने से बचता रहा है। उनके लिहाज से देखा जाए तो उनके लिए यह रमजान बहुत शानदार रहा है।’
लेकिन हाल के दिनों में आईएस की इन नापाक कोशिशों के खिलाफ भी एक मुहिम देखने को मिल रही है। रमजान के दिनों में बड़ी संख्या में लोग रोजा रखते हैं और अरब दुनिया में इन दिनों लोग टीवी भी बहुत देखते हैं। टेलिकम्यूनिकेशन्ज कंपनी जेन ने टीवी पर एक ऐड देना शुरू किया है। ऐड की शुरुआत में एक शख्स को आत्मघाती हमलावर बनने की तैयारी करते हुए दिखाया गया है। आगे दिखाया जाता है कि उस शख्स का सामना जब आम लोगों और पहले आतंकी हमले का शिकार हुए लोगों से होता है तो उनसे प्रभावित होकर आखिर में अपने आतंकी मिशन को पूरा नहीं कर पाता है। इस ऐड को यूट्यूब पर 60 लाख से ज्यादा बार देखा जा चुका है। ऐड के आखिर में कहा जाता है, ‘हम उनके नफरत भरे हमलों का सामना प्यार के गीतों से करेंगे।’