नई दिल्ली |
देश के टॉप लॉ ऑफिसर मुकुल रोहतगी ने केंद्र सरकार को लिखा है कि वह अटॉर्नी जनरल के तौर पर अपना कार्यकाल में विस्तार नहीं चाहते हैं। उन्होंने सरकार को लिखा है कि वह देश के टॉप लॉ ऑफिसर के पद पर दोबारा नियुक्ति नहीं चाहते। उन्हें अब इस पद से रिलीव कर दिया जाए, वह प्राइवेट प्रैक्टिस में लौटना चाहते हैं। रोहतगी को 19 जून 2014 को अटॉर्नी जनरल बनाया गया था और ये कार्यकाल तीन साल के लिए था। अभी 3 जून को ही केंद्र सरकार के डिपार्टमेंट ऑफ पर्सनल ऐंड ट्रेनिंग ने उनका कार्यकाल बढ़ा दिया था।
मुकुल रोहतगी ने कहा है कि उन्होंने वाजपेयी सरकार के कार्यकाल में पांच साल लॉ ऑफिसर के तौर पर काम किया था और मौजूदा सरकार में तीन साल बतौर अटॉर्नी जनरल काम किया है और अब वह प्राइवेट प्रैक्टिस में लौटना चाहते हैं । उनका सरकार के साथ बेहतर रिलेशनशिप है और अब उन्होंने सरकार को लिखकर कहा है कि उनका टर्म न बढ़ाया जाए।