नागपुर |
ऐसा कहा जाता है कि ‘जो परिवार भोजन साथ करता है, वह एकजुट रहता है’। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ(RSS) अब ‘फैमिली टाइम’ वाली इसी अवधारणा में नई जान डालने की कोशिश कर रहा है। इसके लिए इसने ‘कुटुंब प्रबोधन’ की शुरुआत की है।
इस परियोजना के संयोजक और अर्थशास्त्र के प्रफेसर रहे रविंद्र जोशी कहते हैं, ‘इसके तहत हर परिवार को सप्ताह में एक दिन मिलना होगा और दिनभर में एकबार भोजन साथ करना होगा।’ आरएसएस कार्यकर्ता जब किसी दूसरे शहर जाते हैं तो वह होटल की जगह अपने सहयोगियों के घर रहते हैं। RSS के मुताबिक, यह एक-दूसरे के परिवार को जानने का मौका होता है। कुटुंब प्रबोधन पारिवारिक संबंध को मजबूती देने की दिशा में शुरू किया गया है।
RSS के अखिल भारतीय प्रचार प्रमुख मनमोहन वैद्य ने कहा, ‘हम परिवार के सदस्यों के बीच चर्चा को बढ़ावा देने की भी कोशिश कर रहे हैं। लेकिन इस तरह का विमर्श खास स्तर का होना चाहिए। उन्हें राजनीति और क्रिकेट से अलग चर्चा करनी होगी।’
वहीं, जोशी बताते हैं, ‘परिवार के सदस्य पारिवारिक वृक्ष, देवी-देवता, संस्कृतिक, धर्म और देशभक्ति पर चर्चा कर सकते हैं।’ RSS का कहना है कि इस दौरान खाने की टेबल पर कोई स्मार्टफोन नहीं होना चाहिए। जोशी ने कहा, ‘हमारी कोशिश है कि एक घंटे तक टीवी और मोबाइल फोन से दूरी बरती जाए। लेकिन इसका मतलब इसे महज रिवाज का रूप देना नहीं है। सहज रूप से समाज में पारिवारिक प्रेम की भावना लाना ही प्रबोधन का उद्देश्य है।’
RSS की अन्य परियोजनाओं की तरह कुटुंब प्रबोधन भी चरण दर चरण लागू होगा। पहले चरण में इसका उद्देश्य यह है कि परिवार के सदस्य एक साथ बैठें। जोशी बताते हैं, ‘इसके बाद हम कोशिश करेंगे कि पड़ोसी का परिवार इसमें शामिल हो।’